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________________ १०२ -१ अथास्त्रियाम् | मृणालं बिसमब्जादिकदम्बे २ षण्डमस्त्रियाम् ॥ ४२ ॥ ३ करहाट : ' शिफाकन्दः ४ किञ्जल्कः केसरोऽस्त्रियाम् । ५ संगतिका नवदलं बीजकोशो वराटकः ॥ ४३ ॥ इति वारिवर्गः ॥ १० ॥ अमरकोषः । १ मृणालम्, बिसम्, (+ विसम्, बिशम् । २ पुन ), 'कमल आदिके डंटल' के २ नाम हैं ॥ २ षण्डम् ( न पु ) 'कमल के फूल, पत्ती, डण्ठल, जड़ आदि सब अवयवमात्र' का १ नाम है ॥ ३ करहाट, शिफाकन्दः (+ शिफा, स्त्री; कन्दः, पु न । २ पु), 'कमलकी जड़' के दो नाम हैं । ४ किरकः, केसरः (+ केशरः । २ पु न ), 'कमलके 'केसर' (पराग) के २ नाम है ॥ "शिफा कन्दं ५ संवर्तिका (स्त्री), नवदलम् (न), 'कमलके नये पत्ते' के २ नाम हैं ॥ ६ बीजकोशः ( + बीजकोषः, वीजकोशः, वीजकोषः ), वराटकः (२५), 'कमलगट्टे' के २ नाम हैं ॥ १. ..... Jain Education International [ प्रथमकाण्डे इति वारिवर्गः ॥ १० ॥ ...... -Sa इति पाठान्तरम् ॥ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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