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________________ पारिवः १०] मणिप्रभाव्याख्यासहितः । तिमिङ्गिलादयश्चाश्थ यादांसि जलजन्तवः । २ तद्भेदाः शिशुमारोद्रशङ्कवो मकरायः ॥२०॥ ३ स्यात्कुलीर: कर्कटकः ४ कूमें कमठकच्छपौ। ५ ग्राहोऽवहारी ६ नकस्तु कुम्भीरोऽथ महीलता ॥ २१ ॥ गण्डुपदः 'किञ्चुलको ८ निहाका पोधिका समे। ९ रक्तपा तु जलौकायां स्त्रियां भूम्नि जलौकसः ।। २२ ।। तिमिडिल आदि ('मादि पदसे 'तिमिङ्गिलागल और नन्दीवर्त' आदिका संग्रह है'), 'मछलियोंके भेद हैं। १ यादः ( = यादस , न ) जलजन्तुः (पु), 'जलमें रहनेवाले जीव' के २ नाम हैं॥ २ शिशुमारः, उदः, शङ्कः, मकरः, (४ पु), आदि ('आदि पदसे 'जल. हस्ती' ( = जलहस्तिन् ), जलकुक्कुटः, कर्कः, कच्छपः, (४ पु), का संग्रह है।) सूस, ऊद, शङ, मगर, भादि ('भादि शब्दसे 'जलहाथी, जलमुर्गा, केकड़ा, कछुश्रा' आदिका संग्रह है) जल में रहनेवाले जीव' हैं। ३ कुलीरः ( + कुलिरः), कर्कटकः (ककटः, कर्कः, करटकः, करडकः । (२ पु), 'केकड़े' के २ नाम हैं ॥ ४ कूर्मः, कमठः, कच्छपः, (३ पु), 'कछुए' के ३ नाम हैं । ५ ग्राहः, अवहार ( + अवराहः । २ पु), 'ग्राह' अर्थात् 'घडियाल' के २ नाम हैं। ६ नकः, कुम्भीरः (२ पु), 'नाक' अर्थात् 'ग्राहके भेद, एक तरहके जलचर विशेष' के २ नाम हैं। ७ महीलता (स्त्री), गण्डूपदः, किनुलकः ( + किनुलुकः, किश्चिलिकः । २ पु), 'केचुआ' के ३ नाम हैं। ८ निहाका, गोधिका (२ स्त्री), 'गोह' के २ नाम हैं। ९ रक्तपा, जलौका, जलौकसः (= जलौकस, प्रायः ब.३०।+जलोका, जलूका, जलजन्तुका, जलोरगी । ३ स्त्री), 'जोक' के ३ नाम है ॥ १. ...... किन्चुलुकः......' इति मा० दी०, क्षी० स्वा० पाठः॥ २. 'अलोरगौ जलोका तु जौका च जलौकसि' इति संसारार्णबोकेरत्र बहुपचनस्य प्रायिकत्वम् । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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