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________________ ६१८ मल्लिनाथ मल्लिनाथ पुं० कालिदास, माघ,भारवि वगेरेना ग्रंथोनी जाणीती टीका लखनार, आंध्रना कोलाचल कुळनो तेलुगु ब्राह्मण. १४ मा सैकामां थयानो अंदाज छे. महाकाल पुं० उज्जयिनीमां आवेलं शंकर- स्थान; बार ज्योतिलिंगमांनुं एक. माल्यवत् माधव पुं० (१) मधु यादवनो वंशज (सात्यकि तथा श्रीकृष्ण माटे वपराय छे).(२) माधवाचार्य; प्रख्यात ऋग्वेद भाष्यकार सायणाचार्यना भाई. तेमनुं 'विद्यारण्य' नाम पण प्रसिद्ध छे. विजयानगरना हिंदु राज्यनी स्थापना तेमणे करेली. मानस न० हाटक (लडाख) प्रदेशमा आवेल सरोवर. तेनी उत्तरे उत्तरकुरुनो हरिवर्ष आवेलो गणाय छे. किन्नरोना धाम तरीके प्राचीन काळमां जाणीतुं; वर्षा ऋतु आवतां हंसो त्यां चाल्या जता कहेवाय छे. माया स्त्री० गौतमबद्धनी माता. माया, मायापुरी स्त्री० हरद्वार अने कनखल. अहीं दक्षयज्ञ थयेलो, जेमां सतीए पोतानी जातने होमी दीधी हती. मायावती स्त्री० प्रद्युम्ननी पत्नी. पूर्वजन्मनी रति. मारीच पुं० एक राक्षस. सुंद अने ताटकानो पुत्र. सुवर्णमृगनुं रूप धारण करी, सीताहरणमां तेणे रावणने मदद करेली. महाकोसल पुं० उत्तरे अमरकंटक आगळना नर्मदाना मूळ-स्थानथी मांडीने दक्षिणे महानदी सुधीनो, अने पश्चिमे वैनगंगाथीं मांडीने पूर्व हरडा अने जोंक नदीओ सुधीनो प्रदेश. महानदी स्त्री० बंगाळना उपसागरने मळती एक नदी.. महेंद्र पुं० भारतनी सात मुख्य पर्वतमाळाओमांनी एक; महानदी अने गोदावरी वच्चेनी पूर्व तरफनी आखी घाटमाळा. गंजमने महानदीनी खीणथी जुदी पाडनार 'महेंद्रमाल'. रामे तेजोहरण कर्या पछी परशुराम त्यां चाल्या गया हता. महोदय न० कनोज (कान्यकुब्ज).७ मा सैकामां ते घणुं प्रसिद्ध स्थान हतुं. रामायणमां तेनो उल्लेख छे. मंदाकिनी स्त्री० चित्रकूट नजीकनी एक नदी... माकंदी स्त्री० द्रुपदे पांचाल देशमा गंगाना किनारे स्थापेली नगरी. माघ पुं० "शिशुपालवध' नो कर्ता. उपमा, अर्थगौरव अने पदलालित्यनो स्वामी गणाय छे. ७ मा सैकाना पूर्वार्धमां थयो गणाय छे. मातंग पुं० आसामना कामरूपनी दक्षिण-पूर्व आवेलो प्रदेश. हीरानी खाणो माटे प्रसिद्ध. माद्री स्त्री० शल्य राजानी बहेन; पांडु- नीबीजी पत्नी; नकुल-सहदेवनी माता. मारुति पुं० हनुमान ; अंजना वानरीने वायु (मरुत्) थी थयेल पुत्र. रामना परम भक्त. आजन्म ब्रह्मचारी. मालव पुं० (१)७ मा-८मा सैका पहेलां आ प्रदेश अवंती नामे ओळखातो; तेनी राजधानी उज्जयिनी. १० मा सैकामां तेनी राजधानी धारानगर. (२) मल्लोनो देश; तेनी राजधानी मुलतान. मालिनी स्त्री० (१) चंपानगरी.(२) पश्चिम रोहिलखंडनी एक नानी नदी. आने कांठे कण्वनो आश्रम हतो. माल्यवत् पुं० एक पर्वत. (मध्य एशियामां?)(२) किष्किधा नजीक एक नानो पर्वत. वालिना वध पछी राम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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