SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 63
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अवबोषक अवबोधक वि० दर्शावनाएं; सूचवनाएं (२) बोध - ज्ञान आपनाएं (३) पुं० जगाडनार - सूर्य (४) वैतालिक; चारण (५) गुरु; अध्यापक (६) इरादो; विचार अवभास् १ आ० प्रकाश ; प्रगट थर्बु अवमास पुं० प्रकाश; तेज (२) ज्ञान (३) आविर्भाव (४) मिथ्या ज्ञान अवभुग्न वि० वांकुं वळेलं अवभृथ न० यज्ञनी पूर्णाहुति (२) यज्ञनी पूर्णाहुति वखते करातुं स्नान अवम वि० पापयुक्त; दुष्ट (२) नीच; अधम (३) हलकुं; ऊतरतुं (४) पछी-; नजीक- (५) सौथी नानुं-छेवट, (६)क्षय पामतुं; घटतुं अवमत वि० उपेक्षित (२)तिरस्कृत अवमन् ४ आ० उपेक्षा करवी; तिरस्कार करवो (२)हलकुं पाडवू; हलकुं ते; विध्वंस अवमर्द पुं० कचरी नाख, ते ; उजाडवू अवमर्श पुं० स्पर्श अवमर्ष पुं० आलोचना; विचारणा अवमर्षण न० असहिष्णुता (२) भूमी काढवं ते; भूली जवु ते अवमान पुं० अवमानन न०, अवमानना स्त्री० अवगणना; अपमान; तिरस्कार अवमश ६५० स्पर्श करवो (२)विचारवं -प्रेरक० अडके एम करवू (२)ध्वंस करवो अवयव पुं० आखी वस्तुनो एक विभाग - अंश (२) शरीरनो भाग (३) साधन - उपकरण (४) शरीर अवर वि० नानुं (वयमां) (२) पछी-; पाछल (समय के स्थळमां) (३) नीचु; हलकुं; सौथी नीचं (४) पश्चिमनु (५) छेल्लु (६) अत्यंत श्रेष्ठ । अवरज वि० पाछळथी जन्मेलं :नानं अवरत वि० थोभेलं; अटकेलं (२) विश्रांति करतुं अवलंबित अवरति स्त्री० थोभq-अटकवू ते (२) विश्रांति अवरुद्ध वि० अटकावायेलं; रूंधायेलु (२) गोंधी राखेलं; पूरी राखेलु (३) छूपा वेशवाळू अवरुध् ७ उ० अटकाव रुकावट करवी (२) पूरी राख; घेरी लेवू अवरह, प० नीचे ऊतरवू; नीचे जर्बु -प्रेरक० [अवरोहयति,अवरोफ्यति नीचे उतार के स्थाप, (२) गादी उपरथी उठाडी मूकवू(३)रोपवु (वृक्ष) अवरुद्ध वि० नीचे ऊतरेलु (२) मूळमाथी उखाडेलु अवरेण अ० नीचे अवरोध पुं० विघ्न; अटकाव ; अंकुश (२) अंतःपुर (३) वाड; वाडो; पूरी राखवानी जगा(४) ढांकण (५) चोकीदार (६) घेरो (७) खाडो अवरोपण न० उपाडी-उखेडी नाखवं ते (२) नीचे उतारी पाडवू ते (३) रोपवू ते अवरोह पुं० नीचे ऊतर ते (२)वृक्षने वींटायेलो वेलो (३) स्वर्ग (४) ऊंचा स्वर परथी नीचा स्वरमा आवq ते (संगीत) (५) उपर चडवू ते (६) वडवाई जेवू मूळ अवर्ण वि० रंग विना- (२) हीन; सारा गुण वगरनु (३) पुं० अपवाद - कलंक (४) निंदा अवर्ष पुं० अनावृष्टि अवलंब १० आ० लटकवू; वळगवं (२) आधार - टेको लेवो (३) विलंब करवा; मोडा थर्बु अवलंब पुं०, अवलंबन न० आश्रय ; आधार; टेको अवलंबित वि० आश्रये रहेलं (२) लटकतुं (३) आधीन (४) शीघ्र; उतावळु (५) नीचे ऊतरेलु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy