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________________ अवदान ४८ अवदान न० पराक्रम; यशस्वी कृत्य (२) दंतकथानुं वस्तु (३) खंडन अवदारण न० फाडवू- चीरतुं ते (२) कोदाळी अवदीर्ण वि० फाडेलं; चीरेलु (२) प्रवाही करेलु; ओगाळेलं (३) मूझायेलं; गूंचवायेलं अवद ९५० चीरी नाखवू ; फाडी नाखवू अवध वि० नहीं प्रशंसवा योग्य (२) हलकुं; नीचं (३) निंद्य (४) दूषित; खामीवाळु (५) पापयुक्त (६) न० । दोष; खामी; अपूर्णता (७) दुर्गुण ;. पाप (८) निंदा; ठपको अवद्यत् वि० भागो नाखतुं अवधा ३ उ० मूकबुं (२) ध्यान आपवू; मन लगाड, (३)बंध करवु; वासवू अवधान न० ध्यान; लक्ष ; काळजी अवधार पुं०, अवधारण न०, अवधारणा स्त्री० निर्णय ; निश्चय (२) मर्यादा बांधवी ते अवधारणीय वि० निश्चय करवा योग्य अवधारित वि० निश्चित करेल अवधार्य वि० जुओ 'अवधारणीय'. अवधि पुं० ध्यान; लक्ष (२) मर्यादा; मीमा (स्थळ के समयनी) (३)छेडो; पराकाष्ठा; समाप्ति (४) समयनो गाळो (-थी मांडीने -- सुधी) (५) ठराव; संकेत ; वायदो (६) प्रमाण ; धोरण अनादर करवो अवषीर् १० आ० अवगणना करवी; अवधीरणा स्त्री० उपेक्षा; तिरस्कार अवधीरित वि० अनादर करेलु; अव गणना करेलु अवधू ५ उ० हलाव; कंपाव, (२) दूर करवू; खंखेरी नाखवं (३) तिरस्कार; अवगणवू अवधूत वि० हलावेल; कंपावेल (२) खंखेरी काढेलं; तजेलं (३) अनादृत; अवबोष तिरस्कृत (४) पाछळ पाडी देतु; चडियातुं; पराजित करेलु (५)सांसारिक आसक्तिथी छुट थयेलं (६) पु. संसारी संबंधो के आसक्ति त्यागनारो संन्यासी (३) क्षोभ अवधूनन न० हलाव, ते (२) उपेक्षा अवधु १० उ० निश्चय करवो (२) खातरी करवी (३)विचारवू; मानवू अवषेय वि० मूकवा योग्य (२) लक्ष आपवा योग्य; मानवा योग्य (३) समजवा योग्य (४)न० ध्यान ; लक्ष अवध्य वि० वध नहि करवा योग्य अवध्य १५० ध्यान न आपg; अवगणना करवी अवन न० रक्षण अवनत वि० नीचुं नमेलं अवनति स्त्री० नीचुं नमवू ते (२) वंदन ; नमन अवनद्धं वि० 'बांधेलु (२) मढेलु (३) न० मृदंग; ढोल अवनम् १५० नीचे नमी पडq (२) नमन करवं दोरडु अवनाह पुं० बांधवं ते (२) बांधवानुं अवनि स्त्री० पृथ्वी अवनिज पुं० मंगळ ग्रह अवनिभृत् पुं० पर्वत (२) राजा अवनिरह पुं० वृक्ष अवनी स्त्री० जुओ 'अवनि' अवपात पुं० पडवं ते (२) खाडो (३) हाथी पकडवानो खाडो अवपीड् १०प० दाबवू; चांपवू अवप्लु १ आ० कूदईं; कूदको मारवो अवबुध् ४ आ० जागवू (२) जाणवू (३) ओळख - प्रेरक० जगाडवू (२) याद कराबवु (३) बोध आपवो; उपदेशवु अवबोध पुं० जागते (२) जाणवू ते; ज्ञान (३) विवेकज्ञान (४) उपदेश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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