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________________ हिंगुल, हिंगुल पु०, न० हिंगळोक हिजीर पुं० हाथीने पगे बांधवानुं दोरडु हिड १ आ० जq; भटकवू हिताल पुं० एक जातनो ताड हिदोल पु० हिंडोळो; झूलो हिंदोलक पुं०, हिंदोला स्त्री० हिंडोळो (२) पारj हिस् १,७५०, १० उ० हणवू; मार, (२) ईजा करवी (३) त्रास आपवो; पीडq (४) वध करवो; कतल करवी (५) नाबूद करवू [क्रूर हिंसक वि० ईजा करे तेवू (२) जंगली; हिसन न० मारी नांखवू ते हिंसनीय वि० हिंसा करवा योग्य हिंसा स्त्री० ईजा; त्रास; पीडा (२)हणवू ते; वध करवी ते; कतल करवी ते (३) लूट हिसारुचि वि० हिंसा के तोफानमां प्रीतिवाळू; ते करवाने तत्पर एवं हिसाल वि० हिंसक ; घातक हिसित वि० ईजा करायेलं (२) न० ईजा; पीडा हिंस्य वि० हिंसा करवा योग्य हिन वि० घातक; क्रूर; भयंकर; जंगली (२) पुं० हिंसक पशु (३)हिंसा करनारो(४)शिव (५) भीम (६) न० क्रूरता ही अ० आश्चर्य, थाक, खेद के शोक दर्शाववा वपरातो उद्गार हीन ('हा'न भू० कृ०) वि. त्यजेलं (२) रहित; विनानुं (३) बाकात राखेल (४)क्षीण (५) हलकुं; ऊतरतुं (६) नीच; दुष्ट हीनप्रतिज्ञ वि० बेवफा हीनवर्ण वि० हलका वर्णन होनवादिन वि० मुगु (२) खोटी साक्षी आपनाएं हीनसेवा स्त्री० हलका लोकोनी सेवा हीनांग वि० अपंग; शारीरिक खोडवाळ होर पु०, न० इंद्रनुं वज्र (२) हीरो हीरक पुं० हीरो [उद्गार हीही अ० आश्चर्य के आनंद दर्शावतो हु ३५० होमवु (२) यज्ञ करवो (३) खावू हुड पुं० घेटो (२) लोढानो सोटो- दंड हुडु पु० घेटो हुडुक्क पुं० डमरू (२) आगळियो हुत ('हुनुं भू० कृ०) वि० होमेलु (२) आहुति अपाई होय तेवू (३)पु० शिव (४) न० आहुति हुतभुज, हुतवह प० अग्नि हुताग्नि वि० आहुति अी होय तेवू (२) पुं० यज्ञनो अग्नि हुताश, हुताशन पुं० अग्नि (२) शिव हुताशनी स्त्री० फागणनी पूनम हम अ० प्रश्न, संमति, संशय, क्रोध, याद, मंत्रोक्त उच्चार, निवारण - आ अर्थो सूचवतो उद्गार हुर्छन न० कपट; कुटिलपणुं हुल १ प० जर्बु (२) संताडवू हुल पुं० एक जात, ओजार के छरी हुलहुली स्त्री० स्त्रीओनो आनंददर्शक उद्गार हलिहुलि स्त्री० लग्न वखत संगीत (२) घूरकवु ते; गरज, ते हुहु, हुहू पुं० एक गंधर्व हुंक ('हुम्' एम गर्जना करवी) है अ० आमंत्रण, तिरस्कार, शोक "अने गर्व - ए अर्थ बतावतो उद्गार हण पुं० जंगली माणस; परदेशी (२) ए लोकोना देशमा प्रचलित सोनानो एक सिक्को [देशना लोको हूणाः पुं० ब० व० एक देश अथवा ते हूत ('' नुं भू० कृ०) वि० बोलावेलु; ___ आमंत्रेलु [ते (३)नाम हूति स्त्री० बोलाव, ते (२)पडकार, हून पुं० जुओ 'हूण' उद्गार) हुम् अ० जुओ 'हुम् ' (गुस्सो दर्शावतो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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