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________________ आहुति हषित ५८७ हस्तकमल राजा; शक-प्रवर्तक गणाय छे. (ई०स० हविष्य न० होमवानुं ते; होमवानु द्रव्य ६०५ के ६०६) (२) घी (३.) घी अने चोखा हर्षित वि० हर्ष पामेलं; आनंदित थयेलं हविष्यान्न न० व्रत के उपवासना (२)न० आनंद; हर्ष दिवसोमां खावा लायक खोराक हर्षल वि० मजाकी ; परिहासशील (२) हविष्याशिन् पुं० अग्नि कामुक माटे अयोग्य) हविस् न० होमवानुं द्रव्य (२)घी (३) हर्षला स्त्री० दाढीवाळी कन्या (लग्न पाणी (४) शिव (५) यज्ञ (६)अन्न हल न० हळ (२) कदरूपापणुं; विरूपता .. हव्य वि० होमवानुं ते (२) न० घी (३) विघ्न (४) तकरार (३) देवोने अपाती आहुति (पितृओने हलगोलक पुं० एक कीडो अपाती ते 'कव्य') (४) आहति हलदी स्त्री० हळदर हव्यकव्य न० देव अने पितृओने अपाती हलघर, हलभृत् पुं० बळराम हला स्त्री० सखी; बहेनपणी (२)पृथ्वी हव्यवाह, हव्यवाह, हव्यवाहन पुं० हला अ० सखीने बोलाववा वपरातुं अग्नि (आहुतिने लई जनार) संबोधन हस् १५० हसवू; धीमेथी हसवू (२) हलायुध पुं० बळराम मजाक करवी; मश्करीमा हस, (३) हलाहल पुं०, न० समुद्रमंथन वखते चडियाता थq; पाछळ पाडी देवू (४) नीकळेलं अति तीव्र झेर (२) तीव्र झेर -ना जेवा देखावु (५)खीलवू; ऊघडवू हलिन् पुं० खेडूत ; खेडनारो(२)बळ राम (६) हर्षमा आवी जQ हलिप्रिय पुं० कदंब वृक्ष हसत् वि० हसतुं (२) मजाक करतुं हलिप्रिया स्त्री० मद्य (३) पाछळ पाडी देतुं हल्य वि० खेडवालायक; खेडवानुं (२) हसन न० हसवं ते; हास्य कुरूप; विरूप (३) न० खेडेलु खेतर हसनी, हसंतिका, हसंती स्त्री० सगडी (४) कुरूपता; विरूपता हसित (हस्' नुं भू० कृ०) हसेल; हल्लीश न० १८ उपरूपकोमांनुं एक; हसतुं (२) खीलेलं; ऊघडेलु (३)न० एक अंकनुं नाटक (एक पुरुष अने ७ थी हास्य (४) मजाक (५) कामदेवनुं १० स्त्री नटोनुं मुख्यत्वे गावा-नाचवा धनुष्य रूपी) (२)कुंडाळे वळी करातुं एक नृत्य हस्त पुं० हाथ (२) हाथीनी सूंढ (३) हल्लीशक पुं० कुंडाळे वळी करातुं नृत्य १३ मुं नक्षत्र (४) २४ आंगळ (१८ इंच) हल्लोष न० जुओ 'हल्लीश' जेटलं माप (५)हस्ताक्षर; सही (६) हल्लीसक जुओ 'हल्लीशक' (६) साबिती; पुरावो (ला०) (७) हव पुं० होम (२) यज्ञ (३)आह वान मदद; टेको (८) जूथ ; समूह (समासमां, हवन न० आहुति होमवी ते (२)होम; केश इ० साये) (९) न० चामडानी यज्ञ (३) पुं० अग्नि धमण (१०) कुशळता (हाथनी) हवनीय वि० होमने लगतुं (२) न० हस्तक पुं० हाथ (२) हाथनी स्थिति होमवानुं ते (३)घी (३) हाथ जेटली लंबाई-माप हविर्भुज पुं० अग्नि हस्तकमल न० कमळ जेवो हाथ (२) हविष्मती स्त्री० कामधेनु गाय हाथमांनुं कमळ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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