SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 599
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हतच्छाय ५८५ हरिचंदन हतच्छाय वि० काति नाश पामी होय हनुमत् पुं० हनुमान ; मारुति ते, वातचीत हनू पुं०, स्त्री० जुओ 'हनु' हतजल्पितानि न० ब० व० नकामी हनूमत् जुओ ' हनुमत्' हतत्रप वि० बेशरम [तेवं हम् अ० क्रोध, विनय, आदर - ए अर्थ हतत्विष वि० तेज झांखं पडी गयुं होय बतावतो उद्गार हतदैव वि० कमनसीब; दुर्भागी हय पुं० घोडो [एक दैत्य हतप्रभाव दि० सत्ता के शक्ति विनानुं । हयग्रीव पं० विष्णनो एक अवतार (२) हतप्रमाद वि० प्रमाद के बेदरकारी विनानुं हयन न० बंध गाडी; ढांकेली गाडी बनेलं के करायेलं [एवं हयमुख पुं० जुओ हयग्रीव' हतबुद्धि वि० बुद्धि बहेर मारी गई होय हयवाहन पुं० कुबेर हतभाग्य वि० कमनसीब [विनानुं हयसंयान न० घोडाने कावूमा राखवा हतविनय वि० दुष्ट; शिष्टताना ख्याल -केळववा के हांकबा ते [सारथि हतवीर्य वि० जुओ ' हतप्रभाव' हयंकष पुं० सारथि (२) मातलि ; इंद्रनो हतश्री वि० कंगाल; दरिद्र हया, हयो स्त्री० घोडी हतसाध्वस वि० भयमुक्त हर वि० लई जनाएं; दूर करना; रहित हताश वि० निराश (२) निर्बळ ; करनारु (२)लावनाएं; वहन करनाएं अशक्त (३) क्रूर ; निर्दय (४) वंध्य (३) पकडनारुं (४) आकर्षनारुं (५) हति स्त्री० वध; नाश (२) घा; प्रहार दावो करनारं; हकदार (६)व्यापनार; (३) खोट; हानि (४) दोष; अपूर्णता रोकनारुं (७) पुं० शिव (५) गुणाकार हरगौरी स्त्री० शंकर अने पार्वतीनुं हतेक्षण वि० अंध श कतं एकत्रित स्वरूप हतोत्तर वि० जवाब न आपतुं के आपी हतोद्यम वि० जेनो प्रयत्न दबावी देवामां हरचूडामणि पुं० चंद्र आव्यो छे तेवं हरण न० लेवु ते; पकडवं ते (२) लई हत्या स्त्री० वध; कतल जवू ते; चोरी जवू ते (३) दूर करवू ते; हत्वन् वि० वध करनारुं नष्ट करते (४)लग्ननी भेट हद् १ आ० मलोत्सर्ग करवो; अघवं । हरनेत्र न० शिवनी आंख (त्रीजी) हन् २५० हणवू; मारवु; वध करवो हरवल्लभ पुं० धंतूरो (२)प्रहार करदोघा करवो (३)पीडवू; हरवाहन पुं० नंदी; आखलो त्रास आपवो (४)तजवू; निग्रह करवा हरसख पुं० कुबेर (५) दूर करवू;नाश करवो (६)जीत; हरसूनु पुं० कार्तिकेय ; स्कंद हरावयु (७) विघ्न करवू; अवरोध हराद्रि पुं० कैलास पर्वत (८) उछाळवं; उराडवू (९) जq। हरि वि० पोपटी रंगर्नु; लीलाश पडतुं हन वि० मारनारुं; घातक (समासने पीळ (२) बदामी; कपिल रंगनुं (३) अंते; उदा० वृत्रहन्, पितृहन्) पीळ (४) पुं० विष्णु (५) इंद्र (६) हन पुं० वध ; नाश शिव (७)पवन (८)घोडो (९) इंद्रनो हनन न० वध (२) ईजा (३) गुणाकार घोडो (१०)वानर (११) इंद्रिय हनु पुं०, स्त्री० हडपची (२) स्त्री० हरिकेश पुं० शिव शस्त्र (३) रोग (४) मृत्यु (५) वेश्या हरिचंदन पुं०, न० एक प्रकारचें पोळं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy