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________________ स्विष्ट स्विष्ट वि० अति इष्ट अतिप्रिय स्वीकरण न०, स्वीकार पुं० स्वीकारखुं ते; लेबुं ते (२) कबूल राखवुं ते ( ३ ) लग्न स्वीकृ ८ उ० स्वीकार करवो ( २ ) कबूल राखवु (३) मंजूर करवु स्वीकृति स्त्री० जुओ 'स्वीकरण' स्वीय वि० पोतानुं स्वेच्छा स्त्री० पोतानी मरजी स्वेच्छाचार पुं० पोतानी मरजी मुजब [ वराळ स्वेद पुं० परसेवो (२) गरमी (३) स्वेदज वि० पसीनो के बाफथी उत्पन्न थलुं (जीवडु) [ लाववो ते स्वेदन न० पसीनो थवो ते (२) पसीनो स्वेदित वि० बाफ आपेलु; नरम करेलु ह अ० पादपूरणार्थे वपराय छे (२) भार दर्शाववा 'खरेखर', 'चोक्कस' ए अर्थ बतावे ( ३ ) तुच्छकार के मजाक दर्शाववा वपराय [ बोलाव हक्कार पुं० होकारो करवो ते; हक्काहक्क पुं० बोलाववुं - पडकारखूं ते हट पु० बजार; हाट [ बेसनारी) हट्टविलासिनी स्त्री० वेश्यां (बजारमा हठ १ प० ठेकडो भरवो (२) दुष्टता करवी (३) त्रास गुजारवो ( ४ ) थाभले बांधव (५) बळजबरीथी लेबुं हठ पुं० बळजबरी (२) दुराग्रह; जक (३) अणधार्यो लाभ ५८४ हठपर्णी न० शेवाळ eoबुद्धि स्त्री० अणधार्यो लाभ थवानी श्रद्धा ( महेनत विना ) हठयोग पुं० एक प्रकारनो योग ('राजयोग' थी जुदो ) हठवादिक पुं० चार्वाक जेवा मतनो Jain Education International हतचेतस् स्वैर वि० स्वेच्छाचारी; स्वच्छंदी; मनस्वी (२) संकोच विनानुं; खानगीमां संकोच विना करेलुं ( ३ ) धीमुं; सौम्य ( ४ ) सुस्त आळसु स्वैरकम् अ० स्वतंत्रपणे; संकोच बिना स्वैरचारिन् वि० स्वतंत्र ह स्वरम् अ० मरजी मुजब; स्वेच्छा प्रमाणे (२) आपमेळे (३) धीमेथी; हळवेथी ( ४ ) धीमा अवाजे स्वरवृत्ति वि० मनस्वी प्रमाणे वर्तनाएं स्वरालाप पुं० खानगी वातचीत स्वैरिणी स्त्री० व्यभिचारिणी स्त्री (२) मुनिश्रेणी स्वैरिन् वि० स्वच्छंदी ; मनस्वी स्वोत्थ वि० सहज; कुदरती पुरुषार्थमां न माननारो अने अणधार्या लाभमा श्रद्धावाळो माणस हठात् अ० बळात्कारे (२) अचानक हठायात वि० छेकज आवश्यक; अनिवार्य हठिका स्त्री० मोटो अवाज; धांधळ हठेन अ० बळात्कारे (२) अचानक हडि पुं० हेडबेडी, लाकडानी हेड हड्ड न० हाडकुं हत ( ' हन् 'नुं भू० कृ० ) वि० हणायेलु; मरायेलु (२) ईजा करेलु; घा करेल (३) खोवायेलुं (४) विनानुं थयेलु के करायेल (५) हताश (६) बरबाद ; विनष्ट ( 3 ) गुणेलं (८) कमनसीब ; कंगाळ, तु हतक वि० नीच; दुष्ट; असंस्कारी ( मुख्यत्वे समासने अंते) (२) पं० नीच -हीन- कायर माणस हतकंटक वि० कांटा के शत्रु विनान् बनेलु | मूह हतचेतस् वि० मुझाये; अकळायेलु; For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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