SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 502
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ व्यायम् ४८८ ध्याह व्यायम् १५० व्यायच्छति लांबुं करवू (२) लडवू (३) प्रयत्न करवो (४) क्रीडा करवी व्यायाम पुं० लांबु करवं ते (२) कसरत (३) थाक; महेनत (४) प्रयत्न (५) लडाई; झघडो व्यायोग पुं० एक प्रकारनुं एकांकी नाटक व्याल वि० दुष्ट; क्रूर; जंगली (२) पुं० तोफानी हाथी (३) हिंसक पशु (४) साप (५) वाघ (६) चित्तो । व्यालग्राहिन् पुं० साप पकडनारोगारुडी [भक्षी चित्तो व्यालमृग पुं० जंगली प्राणी (२) मनुप्यव्यालोल वि० चंचळ ; अस्थिर; धूजतुं (२) अस्तव्यस्त ; वींखायेलं व्याजित वि० वांकू वळेलं. व्यावर्तन न० घेरी लेबु ते (२)आसपास घूमवू ते (३) गूचळं (सापर्नु) (४) आंटो; वीटो (५) रस्तानो वळांक व्यावल्ग् १५० ठेकडो भरवो ; कूदवू व्यावल्गित वि. क्षुब्ध; ऊछळतुं; कूदतुं व्यावहारिक वि० व्यवहार संबंधी (२) वहेवारु; वहेवारमा चाली शके तेवू (३) चालु रिवाज मुजबन (४) भ्रमथी देखाता संसार विषयक एवं (५) पुं० अमात्य; सलाहकार व्यावहासी स्त्री० परस्पर हस, ते व्याविद्ध वि० बंधायेलं (२) परस्पर विरोधी (३) आमतेम घुमावेलु के उछाळेलं (४) अवळे ठेकाणे मुकायेलं व्यावृ ५ उ० पसंद करवू (२) संता डवु ; ढांक, (३) रुकावट करवी व्यावत् १ आ० पाछा फरवु (२)विमुख | थर्बु (३) दूर थq; जुदा पडQ (४) आसपास घूमवू (५) आथमवू (६) पुनरावृत्ति थवी -प्रेरक० बाकात राखवू; रद करवू; मर्यादित करवू (२) -मांथी पार्छ फरे तेम करवू (३) नाबूद कर (४)जु, पाडवू (५) आसपास घुमावq व्यावृत वि० ढांकेलं; संताडेलु (२) उघाडेलु ; खुल्लु करेलु (३) बाद करेलं; बाद राखेल व्यावृत्त वि० पार्छ फेरवेल; पार्छ खेंचेलं (२)जु, पाडेलु (३) बाकात राखलं; भिन्न (४)-मां अभाव होय तेवू (५) -मांथी विरमेल (६)पलटायेलं व्यावृत्ति स्त्री० ढांकी देवू ते (२)बाकात राखवं ते ; जु, पाडवं ते (३) मां न __ होवू ते (४) स्तुति (५) पुनरावृत्ति व्यास पुं० भाग पाडवा ते (२) समास छूटोपाडवो ते (३) विस्तार; पहोळाई (४) वर्तुळना मध्यबिंदुमाथी पसार थई तेना परीघने बे बाजु अडती लीटी (५) गोठवणी ; संकलन (६) गोठवणी के संकलन करनारो (७) वेदव्यास व्यासक्त वि० अति आसक्त; निमग्न (२) संलग्न (३) छूटुं पाडेलु व्यासंग पुं० दृढ आसक्ति (२)तत्परता; __ भक्ति (३) दृढ अभ्यास (४) ध्यान'; लक्ष (५) अळगापणुं व्यासं १ प० [व्यासजति ] आसक्त थq; चोटवू व्यासिद्ध वि० मनाई करेलं व्यासिध् १ प० वेगळं राखवू; रोक, व्याहत वि० रुकावट करेलु (२) पार्छ धकेलेलं (३) विफळ फरेलु (४)गाभरुं व्याहन् २ प० दखल करवी; सामनो करवो (२) अतिशय हणवं (३) उल्लंघन कर; भंग करवो (४)विफळ - हताश करवू(५)पजवq व्याहरण न० बोलवू ते; उच्चारण व्याहार पं० बोलवं ते; कथन; उक्ति (२) अवाज; ध्वनि व्याहित वि० व्याधिग्रस्त व्याहृ १ ५० बोलवू; उच्चार, (२) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy