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अभितस्
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अभिप्लुत अभितस् अ० नजीक; पासे (२) मों अभिनिवेश पुं० भक्ति;प्रेम(२) आसक्ति
आगळ ; सामे (३) बने बाजुए (४) (३)निश्चय; संकल्प (४)अज्ञानजन्य बधी बाजुए (५) संपूर्ण रीते; सर्वथा ___ मृत्युनो भय ते (२) संन्यास (६) जलदी
हुमलो अभिनिष्क्रमण न० बहार नीकळी जवं अभिनव पुं०, अभिद्रवण न० आक्रमण; अभिनिष्पत्ति स्त्री० समाप्ति; सिद्धि अभिब्रु १५० आक्रमण करवू; हुमलो अभिनी १५० नजीक लई जर्बु (२) करवो
अभिनय करवो अभिधर्म पुं० परम सत्य ; तत्त्व (बौद्ध) अभिनीत वि० नजीक लवायल- लई अभिषा ३ उ० संबोध; जणाव जवायेलु (२) भजवायेलु (३)सुन्दर; (२) नाम आपq
सुशोभित वनावायेलु (४) उत्तम; अभिवा स्त्री० नाम (२) शब्द ; ध्वनि
श्रेष्ठ (५)योग्य ; अनुकूळ (६)क्षमा(३) शब्दनी अर्थ बताववानी शक्ति शील (७) कृपाळु अभिधाम न० नाम (२) होद्दो; पदवी अभिनेत पुं० अभिनय करनार; नट (३) कहेवू ते ; दर्शावq ते (४) कथन ; अभिनेत्री स्त्री० नटी
संभाषण (५) शब्द (६) शब्दकोश अभिन्न वि० नहि भांगेलं; अखंड (२) अभिधेय वि० कहेवा योग्य (२) नाम असर नहि पामेलु; नहि बदलायेलं (३) देवा योग्य (३)अर्थ (४) विषय ; वस्तु जुदु नहि तेवं अभिध्या स्त्री० इच्छा ; लोभ (२)पारकुं अभिपत् १५० नजीक जq (२)हुमलो धन लेवानी इच्छा
करवो (३) नीचे पडवू अभिध्यान न० इच्छा; लोभ (२)चिंतन; अभिपद् ४ आ० पासे जवू (२) मानी अभिध्ये १५० इच्छg; लोभ करवो (२) लेईं; कल्पवु (३) मदद करवी (४) ध्यान करवू ; चितववं
हुमलो करवी; ताबे करवु (५)-मां अभिनय पुं० शरीरनां अंगोनुं मनोभाव- जोड़ा; मग्न थर्बु (६) स्वीकारवू दर्शक हलनचलन (२) नाटकमां वेष अभिपन्न ('अभिपद्' न भू० कृ०) वि. भजववो ते
पासे आवेलुं - गयेलु(२)नासी आवेलु; अभिनव वि० तद्दन नवु (२) जुवान; शरणे आवेलु (३) पीडायेलं; ग्रस्त ग्वीलतं (३) अनुभव विनानु; काचुं (४) दुर्भागी; दुःखी (५) अपराधी अभिनह ४ ५० बांधी देव; मजबूत बांधवं (६) स्वीकारायेलु अभिनंद १ प० प्रसन्न थर्बु (२) मुबारक- अभिप्राय पुं० हेतु; आशय ; उद्देश (२) बादी आपवी (३)प्रशंसा करवो (४) इच्छा (३) शब्दनो अर्थ; भावार्थ; इच्छा करवी; मरजी बताववी फलितार्थ (४) संबंध (५) मंतव्य अभिनंदन न० संतोष ; प्रशंसा (२) अभिप्रे (अभि + प्र + इ) २ प० पासे प्रोत्साहन ; उत्तेजन
ज, (२) इरादो होवो अभिनंदनीय,अभिनंद्य वि० स्तुति करवा अभिप्रेत वि० इच्छेलु (२ स्वीकारायेलु; योग्य; आवकारवा योग्य ।
पसंद करायेलु (३) प्रिय; अनुकूळ अभिनियोग पुं० मन परोव, ते; लीन अभिप्लव ० दुःख ; पीडा(२) ऊभरावू थर्बु ते
आसक्त थर्बु ते; पूर (३) जळप्रलयः । अभिनिविश् ६ आ० प्रवेश करवो (२) अभिप्लुत वि० व्याप्त थयेलं; दबायेलं
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