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________________ राग ४०८ राजपुत्री आठ प्रकारामांनो एक (कन्यानां राजकुल न० राजानुं कुल (२) राजसगांवहालांने मारी-कापीने कन्याने दरबार (३) कचेरी; अदालत (४) रडती बळजबरीथी उपाडी जवी ते) राजमहेल (५) राजा (मानवाचक राग पुं० रंगवू ते (२) रंग (३)लाल रंग उल्लेख) (६) राजसेवक अमात्य (४) लाल अळतो (५)प्रेम ; आसक्ति; राजगुरु पुं० राजानो सलाहकार के कामवासना (६) लागणी (७) आनंद राजगुह्य न० महागूढ वस्तु (८) गुस्सो; क्रोध (९) मनोरंजन थाय राजगृह न० राजानो महेल (२) मगधनी तेवीगावानी रीत (मुख्य राग ६ गणाय राजधानी- नाम (पाटलिपुत्रथी ७५ छ) (१०) मत्सर; ईर्ष्या (११) रजोगुण थी ८० माईल दूर आवेलु) रागमय वि० रातुं; लाल (२) प्रिय राजघ पुं० राजानो वध करनारो (३) प्रेमयुक्त राजत वि० रूपानुं बनेलं (२) न० रूपुं रागबंध पुं० प्रेम प्रगटाववो ते राजतस् अ० राजाथी; राजा पासेथी रागलेखा स्त्री० रंगनी रेखा के निशानी राजताल पुं०, राजताली स्त्री० सोपारीनं झाड रागवत् वि० जुओ 'रागमय' । रागात्मक वि० राग उत्पन्न करनाएं; राजदंड पुं० राजसत्तानो सूचक दंड रागमय [गणाय छे) (२) राजाए करेलो दंड के शिक्षा रागिणी स्त्री० रागणी (३० के ३६ राजदंत पुं० आगलो दांत रागिता स्त्री० रंगवाळं होवू ते (२) राजदूत पुं० राजानो प्रतिनिधि प्रेमयुक्त होते (३)-ने माटे आसक्ति राजदेय न० राजाने भरवानो कर राजद्रोह पं० राजा सामे बळवो । रागिन् वि० रंगेलं (२) रंगनाएं (३) रातु; लाल (४) प्रेमयुक्त (५) अति राजद्वार स्त्री०, राजद्वार न० राजआसक्त (६) पुं० रंगारो (७) प्रेमी महेलनो दरवाजो. राजद्वारिक पुं० राजानो द्वारपाळ (८) विषयासक्त - कामी राघ पुं० शक्तिमान के कुशळ माणस राजधर्म पुं० राजानुं कर्तव्य राजधानिका स्त्री०, राजधानी स्त्री० राघव पुं० रघुनो वंशज (खास करीने राजानुं निवासस्थान; ते शहेर राम) (२) एक जातनुं मोटुं माछलुं राजन् पुं० (तत्पुरुष समासने अंते राज १ उ० चळकवू; प्रकाशवं; शोभ, 'राज' थई जाय) राजा (२)क्षत्रिय (२) -ना जेवू देखावं के शोभवू (३) चंद्र (४) यक्ष (५) सोमवल्ली राज (-ज) पुं० राजा (२) ते ते वर्ग राजनय पुं०, राजनीति स्त्री० राज्यश्रेष्ठ ते (उदा० शंखराज) वहीवट (२) राजकारण; 'पोलिटिक्स' राजक पुं० नानो-सामान्य राजा (२) राजन्य पुं० क्षत्रिय (२) राजकुटुंबनो न० राजाओनो समुदाय माणस (३) अग्नि राजकरण न० अदालत [करनारो राजन्यक न० क्षत्रियोनो समह राजकर्तृ पुं० राज्याभिषेक वखते मदद राजन्वत् वि० सारा राजावाळो देश राजकला स्त्री० चंद्रबिंबनो सोळमो राजपथ पुं० राजमार्ग भाग (चंद्रनी प्रथम कळा) राजपुत्र पुं० राजकुंवर (२) क्षत्रिय राजकलि पुं० खराब राजा . राजपुत्री स्त्री० राजकुंवरी (२) रजपूत राजकुमार पु० राजानो कुंवर जातिनी स्त्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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