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________________ यावदर्थ ३९९ यावदर्थ वि० जरूर प्रमाणे, (२)अर्थ युक्ति स्त्री० जोडाण ; संबंध(२)उपयोग; समजाय ते माटे जोईए तेटलं (शब्दो) वापरतुं ते (३) झूसरीमा जोड ते (४) यावदर्थम् अ० बधा अर्थमां (२) जरूरी रूढि; प्रयोग (५) उपाय; योजना (६) होय तेटलुं [छेवट सुधी करामत (७)छाजवू ते; घटित होते यावदंतम्, यावदंताय अ० अंत सुधी; (८) दलील (९)तर्क; प्रमाण (१०) यावदंत्य वि० जीवता सुधी हेतु; कारण (११) रचना; गोठवणी यावन वि० यवन संबंधी; यवन, युक्तिकथन न० दलीलो कही बताववी ते (२) पुं० दुश्मन ; हुमलाखोर युक्तिमत् वि० चालाक; चतुर (२) यावन्मात्र विजेटला कद के विस्तारर्नु; दलीलवाळ (३)-नी साथे जोडेलु जेवडं मोटुं (२) तुच्छ युक्त्या अ० -ना साधनथी (२) कुशळता याष्टीक पुं० गदाधारी योद्धो (२) के चालाकीथी (३) योग्य रीते छडीवाळो पहेरेगीर युग पुं० न० झूसरी (२) न० जोडकुं; यांत्रिक वि० यंत्र संबंधी (२) यंत्र वडे युग्म (३) समयनो विभाग (कृत, सत्य, करेलु (३) कृत्रिम ('साहजिक' थी त्रेता, द्वापर, कलि - ए चारमांनो ऊलटुं) [करवानी इच्छावाळं दरेक) (४) बहु लांबो समय यियक्षत्, यियक्षमाण, यियक्ष वि० यज्ञ युगपद् अ० एकी साथे; एकी वखते यियासा स्त्री० जवानी इच्छा युगबाहु वि० लांबा बाहुवाळं यियासु वि० जवानी इच्छावाळू (२) युगमात्र न० धूसरीनी लंबाई जेटलुं माप चडाई के कूच करवा इच्छतुं (चार हाथ जेटलु) यु २ प० जोडवू (२) मिश्रित करवू युगल, युगलक न० जोडु; जोडी (३) ३ प० छूटुं पाडवू (४) ९ उ० युगावधि पुं० जगतनो प्रलय बांधq (५) जोडवू (६) मिश्रित करवू युगांत पुं० धूसरीनो छेडो (२) युगनो (७) १० आ० निंदवू अंत-प्रलय (३) मध्याह्न युक्त ('युज्' नुं भू० कृ०) वि० युगांतर न० एक जातनी झूसरी (२) जोडेलु; वळगाडेलु (२) बांधेलं (३) पछीनो पेढी (३)आकाशनो बोजो भाग गोठवेलु(४)साथेनु; सहित(५) लागेलुं; युगी स्त्री० पुष्कळता; समृद्धि लगनीवाळू (६)उपयोगमां लीधेलु (७) युग्म वि० बेकी नंवरनुं (२) न० जोडु; नियुक्त (८) संबंधी (९) कुशळ ; चतुर जोडकुं (३) जोडाण (४) संगम (१०) योगयुक्त (११) नियमवान युग्मचारिन् वि० जोडकामां फरनारु (१२) वाजबी; योग्य; खरं; साचुं युग्य वि० धूसरीए जोडवा लायक (२) (१३) पुं० योगी ●सरीन (३) ●सरीमा जोडेलु(४)-थी युक्तचेतस् वि० योगयुक्त ; योगाभ्यासी खेंचातुं (वाहन) (५) पुं० वाहने जोडेलु युक्तचेष्ट वि० योग्य रीते वर्तनाएं के जोडवानुं प्राणी (खास करीने रथनो युक्तदंड वि० योग्य रीते सजा करनारु घोडो) (६) न० वाहन; रथ युक्तम् अ० योग्य होय तेम; खरेख र युज् ७ उ० जोडवू; वळगाडवू; उमेरवं युक्तरूप वि० योग्य ; घटित; छाजतुं (२)धूसरीए जोडq (३)-वाळं होवं युक्तवादिन् वि० योग्य रीते बोलतुं; (४) उपयोगमा लेवू; प्रयोजq (५) योग्य एवं बोलतुं नियत करवू (६) लक्ष एकाग्र कर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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