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________________ हिर महाकाल महाकाल पुं० शिवनुं प्रलयकारी रूप (२) बार ज्योतिलिंगमांना एकनुं उज्जयिनीमां आवेलु मंदिर महाकालफल न० काळां बीकाळं एक लाल फळ .. . महाकाव्य न० मोटुं काव्य (रघुवंश, कुमारसंभव, किरातार्जुनीय, शिशुपालवध अने नैषधचरित -ए पांच मुख्यत्वे गणावाय छे) महाकुल, महाकुलीन वि० ऊंचा कुळनुं महाऋतु पुं० (मोटो यज्ञ) अश्वमेध महाक्ष पुं० शिव [(औषध) महागुण वि० रामबाण के अमोघ एवं महाग्रह पुं० राहु (२) सुर्य महाजन पुं० माणसोनो समुदाय (२) टोळु; आखी वस्ती (३) कोई धंधानो के ज्ञातिनो मुखियो (४) वेपारी महाजानिन पुं० पंडित (२) भविष्य भाखनारो (३) शिव महाज्यष्ठी स्त्री० जेठ महिनानी पूनम महाज्वर पुं० मोटी पीडा महातल न० सात पाताळोमांनुं एक महात्मन् वि० महान आत्मावाळू; महान (२) महाबळवान महात्यय पुं० मोटो भय ; जोखम महादुर्ग न० मोटी आफत महादेव पुं० शिव महादेवी स्त्री० पार्वती (२) पट्टराणी महाधन वि० कीमती; मूल्यवान महाधी वि० मोटी बुद्धिवाळू महापुर्य पुं० मोटो बळद महानट पुं० शिव महानस पुं०, न० रसोई महानिद्र वि० गाढ निद्रामां पडेलु महानिल पुं० वंटोळियो महानील पुं० एक जातनो मणि महानुभाव वि० भव्य ; बळवान ; खानदान; यशस्वी; उदात्त (२)सदाचारी; न्यायी (३) संमाननीय महामात्य महान्वय वि० खानदान कुळनुं महापथ पुं० राजमार्ग(२)मृत्यु महापा पुं० कुबेरनो एक निधि (२) नारद (३) एक मोटी संख्या महापात पुं० दूर सुधी ऊडवू ते महापाप्मन् वि० अति पापी-दुष्ट महापुरुष पुं० सज्जन; सत्पुरुष महाप्रलय पुं० ब्रह्मा, सो वर्षनुं आयुष्य पूरूं थतां थतो सकळ सृष्टिनो प्रलय महाप्रश्न पुं० गूंचवाडाभर्यो सवाल महाप्रस्थान न० मृत्यु (२) मरणनी इच्छाथी उतर तरफ (हिमालयमां) हमेश माटे चाली नीकळवू ते महाप्राणता स्त्री० अतिशय बळ के सत्त्ववाळा होवू ते महाप्लव पुं० मोटुं पूर महाबल वि० घणुं बळवान महाबाष वि० भारे पीडा उपजावनाएं महाबाहु वि० लांबा हाथवा ; बळवान (२) पुं० विष्णु महाभाग वि० अति भाग्यवान; अति समृद्ध(२)अति यशस्वी; अति विख्यात (३)अति सद्गुणी के सच्चरित्र महाभागिन् वि० महा भाग्यशाळी महाभिजन वि० खानदान कुळy (२) पुं० खानदान कुळ महाभुज वि० जुओ 'महाबाहु' महाभत न० पांच महाभूतोमांनुं दरेक (पृथ्वी-जळ-तेज-वायु-आकाश) महाभोग पुं० मोटो उपभोग के सुख(२) मोटी फणा (३)नाग महामणि पुं० अति कीमती रत्न महामनस्, महामनस्क वि० उदार चित्त वाळू (२)गर्विष्ठ [मोटो वरघोडो महामह पुं० उत्सव निमित्ते नीकळतो महामंत्र पुं० वेदनो पवित्र मंत्र (२) (साप, झेर उतारवानो)शक्तिशाळी मंत्र महामात्य पुं० मुख्य प्रधान; वडो प्रधान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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