SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 324
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रत्यापित प्रत्याख्यात वि० नकारेलं (२) मनाई करेलु (३) रद करेलु (४) धकेली काढेलं (५) पाछळ पाडी दीधेलु प्रत्याख्यान न० नकार ते; अस्वीकार (२)ठपको (३)खंडन । प्रत्यागम् (प्रति+आ+ गम्) १ प्र० [प्रत्यागच्छति] पार्छ फरवू (२) भानमां आव प्रस्थान प्रत्यर्पण न० पाछु आप ते [ते, प्रत्यर्पित वि० जेणे पाछु सोंपी दीधुं होय प्रत्यवमर्श (-4) पुं० सलाह; मसलत (२)चिंतन; ध्यान(३)धैर्य ; सहनशीलता प्रत्यवर वि० श्रेष्ठ नहि तेवू; हलकुं प्रत्यवसित वि० खाईने के पीने परवारेलुं (२)जूनी (खोटी) टेवमां पार्छ वळेलं प्रत्यवस्कंद पुं०, न० अचानक हुमलो .. प्रत्यवस्था (प्रति + अव+स्था) १ आ० [प्रत्यवतिष्ठते सामनो के विरोध करवो (२) जुदा पडीने ऊभवं प्रत्यवहार पुं० संहार; प्रलय (२) पार्छ खेंची लेते प्रत्यवाय पुं० विघ्न; जोखम (२) ऊलटो मार्ग (३) पाप; दोष (४) निराशा (५) सत् वस्तुनुं अदृश्य थर्बु ते प्रत्यवेत् (प्रति + अव + ईक्ष) १ आ० तपास करवी ; तपासवू प्रत्यवेक्षण न०, प्रत्यवेक्षा स्त्री० लक्ष राख ते; काळजी राखवी ते प्रत्यवेक्षित पुं० निरीक्षक प्रत्यस्त वि० फेंकी दीघेलं; तजी दीधेलु [अंत प्रत्यस्तमय पुं० आथम ते (सूर्यमुं)(२) प्रत्यहम् अ० दररोज [अवयव प्रत्यंग न० उपांग (२) दरेक अंग के प्रत्यंगम् अ० दरेक अंगे; अंगोपांगे प्रत्यंच वि० जुओ 'प्रत्य' प्रत्यंत वि० समीपy (२) पुं० सरहद (३) सरहदनो प्रदेश प्रत्यंशम् अ० खभा उपर; खभे प्रत्याकलित वि० गणतरी करेलु (२) वच्चे दाखल करेलु प्रत्याकांम् (प्रति+आ+कांक्ष्) १ बा० आशा के अपेक्षा राखवी प्रत्याख्या (प्रति+आ+ ख्या)२५० ना पाडवी; नकार (२) मना करवी (३)पाछळ पाडी देवू ; चडियाता थर्बु प्रत्यागम पुं०, प्रत्यागमन न० पार्छ फरवं ते (२) आवी पहोंच ते । प्रत्याघात पुं० सामो प्रहार के धक्को प्रत्यादान न० पार्छ लेवू ते (२) पार्छ हाथ उपर लेवं ते (३)पुनरावर्तन प्रत्यादिश् ६ प० छांडवं; त्यजq (२) पार्छ काढवू (३) नकार; अस्वीकार करवो (४) ढांकी देवू; पार्छ पाडी देवू (५) बोलाव, (६)आज्ञा करवी (७) चेतवणी आपवी प्रत्यादिष्ट वि० जणावेलु (२) हुकम करेलु (३) अस्वीकार करेलु ; छांडेलु ; दूर करेलु (४) झांखं के पार्छ पाडी दीवेल (५) चेतवेलु प्रत्यादेश पुं० हुकम (२) माहिती; जाहेरात (३)अस्वीकार ; नकार, ते; निराकरण (४) झां के पार्छ पाडी देनार (५) चेतवणी (अलौकिक) (६) ठपको (७) वारदुं ते; निवारण प्रत्यानयन न० पाछु मेळवq के लावq ते प्रत्यापत्ति स्त्री० पार्छ मळवू के फरवू ते (२)वैराग्य [बुद्धि वाळू प्रत्यापन वि० पार्छ मळेलु (२) विपरीत प्रत्यायन न० जुओ 'प्रत्यायना' (२) परणवं ते; घेर लाववं ते (वहने) (३)आथम ते (सूर्य) प्रत्यायना स्त्री० विश्वास पेदा करवो ते; प्रतीति कराववी ते (२) समजावते (३) साबित करते प्रत्यायित वि० खातरी थई होय ते. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy