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________________ २६१ पथदर्शक पथदर्शक पुं० मार्गदर्शक ; भोमियो पथिक पुं० मुसाफर; वटेमाणु (२) भोमियो; मार्गदर्शक [समुदाय पथिकजन पु० मुसाफर के मुसाफरोनो पथिकसार्थ पुं० संघ; काफलो पथिन् पुं० (प्रथमा ए०व० 'पंथाः'; समासने अंते 'पथ' थाय) रस्तो; मार्ग; वाट (२) मुसाफरी (३) गोचर-क्षेत्र - मर्यादा (४) प्रणाली; शिरस्तो पथ्य वि० हितकर; अनुकूळ (औषध, सलाह इ०) (२)न० हितकर खोराक (३) हित; कल्याण पद् ४ आ० जq (२) पासे जq (३) । पाम (४) आचर पद् पुं० (पहेलां पांच रूप नथी; 'पद' ना द्वितीया द्वि० व० पछी विकल्पे मुकाय छे) पग; चरण (२) चोथो भाग (श्लोक इ० नो) पद पुं० पग (२) डगलं ; पगलं (३) पगलानी छाप (४) निशानी; चिह्न (५) स्थान; पदवी; होहो (६) श्लोकन चरण (७) शब्द (विभक्ति इ. प्रत्यय साथेनो) (८)बहानु (९) शेतरंजना पट उपरतुं खानु (१०) सिक्को (११) रस्तो [होद्दो पदक न० डगलं; पगलं (२) पदवी; पदक्रम न० पगलां भरवां ते; चालवू ते पदगति स्त्री० चालवानी रीत पदच्छेद पुं० वाक्यना शब्दनो वर्ग कहेवो ते (२) पदनुं व्याकरण । पदन्यास पुं० पगलं; डगल (२)पगलानी छाप (३)अमुक रीते पग गोठववा ते (४) श्लोक के चरण रचवां ते पदपंक्ति स्त्री० पगलांनी पंक्ति (२) शब्दोनी गोठवणी पदभ्रंश पुं० होद्दा उपरथी दूर करावं ते पदवि (-वी) स्त्री० रस्तो; मार्ग (२) होहो; अधिकार पचालय पदशः अ० पगले पगले (२)शब्दे शब्दे पदस्थ वि० पगवाळू (२) ऊंची पदवीवाळं पदंक ८ उ० पग मांडवो; पग मूकवो (२)प्रवेश करवो पदाजि, पदात (-ति) पुं० पायदळ सैनिक (२) पगपाळं चालतुं पदातिन् वि० पायदळवाळ (२) पगे चालतु (३) पुं० पायदळ सैनिक । पदात्यध्यक्ष पु० पायदळनो सेनापति पदानुग पुं० अनुयायी; साथी पदार्थ पं० शब्दनो अर्थ (२) कोई पण वस्तु; द्रव्य [गोठवणी पदावली स्त्री० शब्दोनी हारमाळा के पदांतर न० बीजु पगलं (२)एक पगला जेटलं अंतर पद्धति (-ती) (पद् हति)स्त्री० रस्तो; मार्ग (२)हार ; पंक्ति (३)रीत पद्म पुं० एक दिग्गज (२) सापनी एक जात (३) रामनुं एक नाम (४) कुबेरना एक भंडारनुं नाम (५) एक आसन (योग) (६) न० कमळ (७) हाथीना मों के सूंढ उपर- चित्र (८) अबज (संख्या) पद्मक न० एक व्यूहरचना (२) हाथीनी सूंढ के मों उपरनी चित्रावली (३) पद्मासन (४) एक जात, काष्ठ पद्मखंड न० कमळनो समुदाय पद्मगुणा स्त्री० लक्ष्मी पद्मज पुं० ब्रह्मा पद्मनाभ(-भि) पुं० विष्णु पद्मभव, पचभू पुं० ब्रह्मा पद्मराग पुं०, न० माणेक । पद्मवर्चस् वि० कमळना रंगनुं . पाषंड न० कमळनो समुदाय पद्मा स्त्री० लक्ष्मी पनाकर पु. कमळोवाळं मोटुं सरोवर (२) कमळोनो समुदाय पद्मालय पुं० ब्रह्मा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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