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________________ निष्कारण २५१ निष्पत्ति निष्कारण वि० हेतुरहित; कारण वगर- निष्क्रिय वि० अक्रिय (२) यज्ञादि क्रिया नु (२)निरुपयोगी (३)निःस्वार्थ न करना। (३) तत्त्वज्ञानी (संन्यासी) निष्कारणम् अ० निरर्थक ; वगर कारणे (४)न० परब्रह्म निष्कालिक वि० जेतुं आयुष्य पूरं थवा निष्टन प० निसासो; दुःखनो उद्गार आव्यं छे तेवू (२) अजेय निष्टप १ प० तपाव (२) शेकवं; निष्कासित वि० काढो मूकेलं; हांकी तळवू (३) घसीने साफ करवं. काढेलु (२) बहार नोकळेल (३) निष्टानक पुं० गर्जना; घोंघाट (२) मूकेलं; स्थापेलं दुःखनो ऊहकार निष्किचन वि० गरीब; दरिद्री निष्टाप पं० सहेब तपाव ते निष्कुट पुं० घर पासेनो बाग (२)अंत: निष्ठ वि० (समासने अंते)-उपर के पुर (३) बारगुं; दरवाजो । -मां रहेल के आवेलु (२)-ना संबंधी निष्कुलाकृ ८ उ० छाल उतारवी के (३)-मां आसक्त;-मां रत;-मां काढो नाखवी (२)निवंश करवू तत्पर (४) -मां श्रद्धावाळू (५) निष्कुलीन वि० हलका कुळनुं उत्पन्न करनाएं निष्कुष् ९ १० फाडवू ; चूंथq (२) निष्ठा स्त्री० अवस्था; स्थिति (२) खेंची काढq (३)छोतरां काढवां निष्कुषित वि० खेंची काढेलु (२)फाडी पायो; आधार (३) स्थिरता ; दृढता (४) आसक्ति; भक्ति; श्रद्धा (५) नाखेलु (३) काढी मूकेलं (४) खवाई अंत; परिणाम; समाप्ति (६) गयेलं कुशळता; निपुणता (७) मृत्यु निष्कज वि० चूप; अवाज न करतुं निष्ठान न० चटणी; अथाणु (२) निष्कट वि० दयाहीन; क्रूर अधिष्ठान निष्क ८ उ० दूर करवू ; काढी मूकवू [वगेरे उमेरेलु निष्ठानित वि० स्वादिष्ट करवा मसाला (२)टुकडा करवा निष्कृति स्त्री० प्रायश्चित्त (२) उप निष्ठापित वि० पूरुं - सिद्ध करेल कारनो बदलो वाळवो ते (३)माफी; निष्ठित वि० -मां के -उपर आवेलं क्षमा (४) धुतकार ते (२) निष्ठावंत (३) पूरुं करेलु (४) निष्कृष १ प० खेंच ; खेंची काढवू स्थिर (५) निश्चित करेलु। (२) छीनबी लेवू (३) फाडवू ; चीरवू निष्ठिव १, ४, ५० बहार काढq (२) निष्कोषणक न० दांत खोतरवानी सळी धुंकवु [न० धुंकवं ते निष्क्रम् १ उ० जतुं रहे; विदाय निष्ठीव पुं०, न०, निष्ठीवन, निष्ठीवित थर्बु (२) बहार नोकळ (३) निष्ठुर वि० क्रूर (२) कठोर अटक; बंध थवं निष्ठत वि. बहार काढलं - फेंकेलं निष्क्रम पुं०, निष्क्रमण न० बहार (२) धुंकेल (३) उच्चारेल (४) नीकळg ते (२) विदाय थव ते न० थूक ; धुंकवं ते निष्क्रय पुं० मूल्य ; किंमत (२) बक्षिस निष्ण, निष्णात वि० प्रवीण ; चतुर (३) बदलो वाळवो ते (४) खरीदी (२) पार पाडेल (३) कबूलेलं (५) वेचाण (६) अदलोबदलो निष्पत् १५० बहार नीकळवं; ऊडवं निष्क्रांत वि० बहार गयेलं; विदाय निष्पत्ति स्त्री० उत्पत्ति (२) परिपाक थयेलं (२) ऊपसी आवेलं; ऊठेलु (३) पूर्णता; समाप्ति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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