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________________ कुलपुरुष १३६ कुलपुरुष पुं० ऊंचा कुळमां जन्मेलो पुरुष कुशाग्र वि० तीव्र ; सूक्ष्म (दाभनी (२) पूर्वज अणी जेवू) कुलपूर्वक (-ग) पुं० पूर्वज कुशीलव पुं० चारण; भाट (२) नट कुलस्थिति स्त्री० कुळाचार कुशूल पुं० भंडार; कोठार कुलाचल पुं० मुख्य पर्वत ; भारतवर्षमा कुशेशय न० कमळ [अर्क खेंचवो सात दिशाए आवेला सात मुख्य पर्वतो कुष ९ प० काढवू; खेंची काढवू (२) मांनो दरेक (मलय, सह्य, विध्य इ०) कुष्ठ पुं०, न० कोढ (व्याधि) कुलापीड पुं० कुळना मुगटरूप पुरुष कुष्मांड पुं० कोळं कुलाय पुं०, न० पक्षीनो माळो कुसरित् स्त्री० नानी नदी कुलाल पुं० कुंभार कुसोद पुं० व्याजखाउ माणस (२) न० कुलालंबिन् वि० कुळनुं भरणपोषण व्याज उपर धीरेलु नाj (३) व्याजे करनारु (२) कुळनुं आधारभूत एवं पैसा धीरवानो धंधो कुलांगना स्त्री० कुळवान स्त्री; ऊंचा कुळनी स्त्री कुसुम न० फूल कुळद्रोही कुलांगार वि० कुळने कलंक लगाउनाएं; कुसुमकार्मुक, कुसुमचाप पुं० कामदेव कुलिर पुं०,न० करचलो कुसुमप्रवृत्ति, कुसुमप्रसूति स्त्री० फूल बेसवां ते कुलिश पुं०, न० इन्द्रनुं वज्र कुलिंग पुं० पंखी (२) चकलो (३) साप कुसुमबाण पुं० कामदेव कुलीन वि० कुळवान; ऊंचा कुळनुं कुसुमस्तबक न० फूलोनो गुच्छो कुलीर, कुलीरक पुं०, न० जुओ 'कुलिर' कुसुमंधय पुं० मधमाख कुलीश पुं०, न० जुओ 'कुलिश' कुसुमाकर पुं० वसंत ऋतु कुलोद्वह पुं० वंशवेलो टकावी राखनार कुसुमापचय पुं० फूल वीणवां -- चूंटवां ते - कुळनो अग्रणी कुसुमापीड पुं० कामदेव (२) फूलनी कुल्य वि० ऊंचा कुळ, (२) कुळने लगतुं कलगी (३)न० हाडकुं (४) मांस कुसुमायुध पुं० कामदेव कुल्या स्त्री० सद्गुणी स्त्री (२) नानी कुसुमांजलि पुं० फूलथी भरेलो खोबो नदी ; नहेर (३)खाई [वरसाद कुसुमित वि० फूल खील्या होय तेवू कुवर्ष पुं० अचानक पडेलो के धोधमार कुसुमेषु पुं० कामदेव कुवलय न०. नील कमळ कुसुमोच्चय पुं० फूलनो गुच्छ कुवलयिनी स्त्री० नील कमळनो छोड कुसुंभ पुं०, न० कसुबानुं वृक्ष (२)न० (२) कमळसमूह (३) घणां कमळ सोनु (३) कसुंबानो रंग वाळं स्थान कुसूल पु० कोठार; भंडार कुविद पुं० वणकर कुसृति स्त्री० छळकपट ; शठता कुश पुं० दर्भ (२) न० पाणी कुहक पुं० शठ; ठग (२) जादुगर कुशल वि० शुभ ; कल्याणकारी (२) (३) न० ठगाई; जादु आरोग्यवान (३) प्रवीण; होशियार कुहकचकित वि० सावचेत ; शंकाशील; (४) न० कुशळता -सुख (५) कौशल्य छेतरावाथी डरतुं कुशलप्रश्न पुं० 'कुशळ तो खरा?' कुहका स्त्री० ठगाई (२) जादु --एवी पूछपरछ कुहर न० गुफा ; बखोल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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