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________________ कषायित १२६ कंबली (९)आसक्ति; वासना (१०)विलेपन घोच (३) कोई पण वस्तुनी अणी (११)जडता; मूर्खता (१२)पुं० राग (४) विघ्न ; नडतर (५) रोमांच कषायित वि० रंगवा ; लाल रंगनुं (६) नख (७) कटु वचन (८) कष्ट वि० दुःखमय; दुःखकर (२) - माछलीनो कांटो कठण ; गहन (३) दुर्जय (४) न० कंटकित वि० कांटावाळू (२) रोमांचित दुःख; संताप (५) महेनत; श्रम कंटकिन् वि० कांटावाळू (२) पीडा कष्टम् अ० अरेरे! अफसोस! करनारुं के देनाएं कष्टसंश्रय वि० कष्टयुक्त कंठ पुं०, न० गळं (२) डोक (३) कष्टि स्त्री० दुःख ; पीडा (२) कसोटी वासणनो कांठो (४) अवाज (५) कस्तुरिका, कस्तूरिका, कस्तूरी स्त्री० सामीप्य ; निकटपणुं अमुक जातनां हरणनी डूंटीमाथी कंठगत वि० कठे आवेखं (प्राण) (२) मळतो सुगंधी पदार्थ कंठ सुधी गयेखें- जतुं कह लार न० धोळं कमळ कंठाभरण न० गळा-आभूषण (हार इ०) कंक पुं० जेनां पीछां शरपुंख तरीके कंठाश्लेष पुं० गळे आलिंगन वपराय छे ते बगला जेवू पक्षी कंठी स्त्री० डोकमां पहेरवान सेरवाळू कंकट, कंकटक पुं० बख्तर (२) अंकुश एक घरेणुं [(३) कबूतर (हाथीनो) कंकणदोरो कंठीरव पुं० सिंह (२) मद झरतो हाथी कंकण पुं० हाथे पहेरवा, कडु (२) कंठच वि० गळानु; कंठनुं कंकणधर पुं० वरराजा [वाळु घरेणुं कंडन न० (फोतरां काढवा) खांडवू ते कंकणी स्त्री० नानी घूघरी (२) घूघरी- कंडनी स्त्री० खांडणियो (२.) सांबलं कंकत पुं०,न०, कंकतिका, कंकती स्त्री० कंडिका स्त्री० नानो विभाग (२) फकरो कांसको पक्षीनां पीछांवाळु बाण कंडिल वि० मदमत्त (२) धृष्ट कंकपत्र, कंकपत्रिन्, कंकवासस् पुं० कंक कंडु पुं०, स्त्री०, कंडू, कंडूति स्त्री० कंकाल पुं०, न० हाडपिंजर वलूर; खंजवाळ कंकालशेष वि० हाडपिंजर ज मात्र कंड्यन न० वलूर ते ; खंजवाळवू ते रहथु होय तेवू कंड्रल वि० खंजवाळ ऊपडी होय तेवू कंचुक पुं० सापनी कांचळी (२) कमखो; (२)खूजली करे तेवू चोळी (३) कवच; बख्तर (४) शरीरने कंतु पुं० कामदेव (२) हृदय बराबर बंधबेसतो जम्भो कंथा स्त्री० चीथरां सीवीने बनावेलं कंचुकित वि० बस्तर पहेरेलु वस्त्र (तपस्वीओ पहेरे छे ते) कंचुकिन् वि० बख्तरवाळ (२) पुं० कंथाधारिन् पुं० कथा पहेरनार तपस्वी अंतःपुरनो द्वारपाळ (३) साप कंद पुं०, न० जेमां खावानो गर होय कंचुकीय पुं० कंचुकी (नाटय०) तेवू मूळ - गांठ कंचुलिका, कंचुली स्त्री० चोळी;कांचळी कंदर पुं०, न० गुफा ; खीण कंज पुं० केश (२)ब्रह्मा (३)न० कमळ कंदरा(-री) स्त्री० गुफा कंजर, कंजार पुं० हाथी (२) सूर्य कंदर्प पुं० कामदेव; मदन (२) प्रेम (३) ब्रह्मा (४) पेट (५) मोर कंदल पुं०, न० नवो अंकुर (२) गाल कंटक पुं०, न० कांटो (२) भोंक; कंदली स्त्री० केळ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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