SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 872
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८०२ पाइअसद्दमहण्णवो विवर-विवित्त विवर न [विवर] १ छिद्र (पाश्र; गउड विवलाअमाण (से ३, ६०; गा २६१ विवाय स + पादय ] मार डालना। प्रासू ७३) । २ कन्दरा, गुहा (से ६, ४६)। गउड १६६ से १५, १४; गउड ४७२)।- विवाएमि (विसे २३८५)। वकृ. विवाएंत, ३ एकान्त, विजन: 'कामज्झयाए गरिणयाए विवलाअ वि [विपलायित] भागा हुआ विवायंत (पउम ५७, ३१, २७, ३७)। बहरिण अंतराणि य छिद्दारिण य विवराणि य (से १, २; १४, ३०)। विवाय देखो विवाग (सुर १२, १३६; स पडिजागरमाले विहरति' (विपा १२ विवलिअ वि [विवलित ] मोड़ा हुआ, २७५; ३२१; सं ११८ सण)। पत्र ३४) । ४ पुंन. प्राकाश (भग २०, २) परावर्तित (गा ६८०; गउड ४२४, काप्र 'सव्वं चिय सूहदुक्खं विवरंमुह वि [विपराङ्मुख] विमुख, १६५)। पुबज्जियसुकयदुक्कयविवाया। पराङ्मुख (पउम ७३, ३०; से ६,४२)। विवलीअ देखो विवरीअः 'विवलीअभासए' जायइ जियाण जंता विवरण न [विवरण १ व्याख्यान, 'सोऊण (अणु)। को खेसो सकयउवभोगे' सुमिणविवरण' (सुपा ३८)। २ व्याख्याविवल्हत्थ वि [विपर्यस्त] विपरीत, उलटा (उप ७२८ टी)। कारक ग्रंथ, टीका (विसे ३४२२, पव विवायण वि [विवादन] विवाद-कर्ताः 'ते गाथा ३६; सम्मत्त ११६)। ३ बाल सँवारना दोवि विवायणु व रायकुले' (धर्मवि २०) ।' विवस वि [विवश] १ अधीन, परायत्त, (दे १,१५० पय ३.)।' विवाविड न [दे] अतिशय गौरव (संक्षि परतन्त्र (प्रासू १०७ कुमाः कम्म १, ५७)। विवरामुह । देखो विवरंमुह (भवि; से ११, ४७). २ बाध्य, लाचार (कुप्र १३५) । विवराहुत्त ८५)। विवाह सक [वि + वाह्य ] लग्न करना, विवह सक [वि + वह.] विवाह करना, विवरिअ वि | विवृत ] व्याख्यात (विसे शादी करना । विवाहेमो (कुप्र १३१)। शादी करना (प्रामा)। १३६६; स ७१७)। देखो विवुअ। विवाह देखो विआह = विवाह (उवाः स्वप्न विवहण न [विव्यधन] विनाश (णाया विवरिअ (अप) नीचे देखो (सण)। ५१, सम १८८) गणय पुं[गणक] १, १-पत्र ६५)। ज्योतिषी, जोशी (दे ६, १११).। जन्न विवरीअ वि [विपरीत] उलटा, प्रतिकूल विवाइअ व [विपादित] व्यापादित, जो पु[यज्ञ] विवाह-उत्सव (मोह ४४) ।। (भग १, १ टोः गउड; कप्पू; जी १२, सुपा जान से मार डाला गया हो वह छिद्देण । विवाह देखो विआह = विवाध (सम १ ६१०) । णु वि [ज्ञ] उलटा, जाननेवाला विवाइप्रो वाली' (पउम ३,१०; उत्त १६, ८८)(धर्मसं १२७४) ५६; ६३)। विवाह देखो विआह = व्याख्या (सम १; विवरीर । (अप) ऊपर देखोः 'घई विवरीरी | विवाउग वि [विवादक] विवाद-कर्ता (स ८८)।विवरेर बुद्धडी होइ विरणासहो कालि' ४५६)। विवाहाविय वि [विवाहित] जिसकी शादी (हे ४, ४२४), 'माइ कज्जु विवरेरमो दीसई' विवाग पु[विपाक] १ कर्म-परिणाम, सुख कराई गई हो वह (महा)। (वि) विवाहिय वि [विवाहित] जिसकी शादी विवरुक्ख । वि [विपरोक्ष ] परोक्ष, अ दुःखादि भोग रूप कर्म-फल (ठा ४, १ पत्र १८८ विपा १,१; उवः सुपा ११०: हुई हो वह (महा सण)।विवरोक्ख' प्रत्यक्ष; 'जावच्चिय दहवयणो सणः प्रासू १२२)। २ प्रकर्ष; 'वविवागविवरोक्खो प्रावलीए धूयाए (पउम ६, विविइसा स्त्री [विविदिषा] जानने की इच्छा, ११)। २ न. अभाव; 'पासम्मि अहंकारो परिणामा' (ठा ४, ४ टी-पत्र २८३) । जिज्ञासा (अज्झ ६६)। ३ पाककालः 'जं से पुणो होइ दुहं विवागे' विविक्क देखो विवित्त (सून १, १, २, १७)। होहिइ कह वा गुरणारण विवरुक्खें' (गउड ७६)। ३ परोक्षता, अप्रत्यक्षपन (उत्त ३२, ३३)। विजय पुंन ["विचय] विविच सक [वि + विच्] पृथक् करना, धर्मध्यान का एक भेद, कर्म-फल का अनु'इय ताहे भावागयपच्चक्खायंतणरवइगुणाण । अलग करना। संकृ. विविचित्ता (सूअ २, विवरोक्खम्मि वि जाया कईण संबोहणालावा' चिन्तन (ठा ४, ४-पत्र १८८)। "सुय ४, १०)। विविण न [विपिन] जंगल, वन (गउड; . न ["श्रुत] ग्यारहवाँ जैन अङ्ग-ग्रंथ (सम (गउड १२०४) । नाट-चैत ७२)।विवल अक [वि + वल] मुड़ना, टेढ़ा १; विपा १, १; प्रौप)। विवित्त वि [विविक्त] १ रहित, वजित । होना (गउड ४२४)। विवागि वि [विपाकिन् विपाकवाला (प्रज्झ गावविपाकिन् विपाकवाला (अज्झ२ पृथग्भूत (दस ८, ५३; भग६, ३३; विवला अक [विपरा + अय ] पलायन उत्त २६, ३१; उव) । ३ विविध, अनेकविध विवलाअ करना, भाग जाना। विवलाइ, विवाद। [विवाद] झगड़ा, तकरार, वाक्- | 'पासवेहि विवित्तेहिं तिप्पमाणो हियासए । विवलायइ, विवलानंति (गउड ६३४; विवाय ) कलह, जबानी लड़ाई (उवा; उवः । गंथेहि विवित्तेहिं आउकालस्स पारए' ११७६; पि ५६७)। वकृ. विवलाअंत, स ३८५; सुपा २८२, ३६१)। (पाचा १,८,८,६१०)। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016080
Book TitlePaia Sadda Mahannavo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovinddas T Seth
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1986
Total Pages1010
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy