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पाइअसहमहण्णवो
तं-तक
तं प्र[तत् ] इन अर्थों को बतलानेवाला तंतिसम न [तन्त्रीसम] तन्त्री-शब्द के तुल्य तंबच्छिवाडिया स्त्री [दे] ताम्र वर्ण का पव्यय-१ कारण, हेतु (भग १५)। २ या उससे मिला हुमा गीत, गेय काव्य का | द्रव्य-विशेष (पएण १७)। वाक्य-उपन्यास; 'तं तिप्रसबंदिमोक्ख' (हे २, | एक भेद (दसनि २, २३)।
तंबटक्कारी स्त्री [दे] शेफालिका, पुष्प-प्रधान १७६; षड् ); 'तं मरणमणारंभे वि होइ, तंती स्त्री [तन्त्री] १ वीणा, वाद्य-विशेष | लच्छो उण न होई' (गा ४२)। "जहा प (कप्पः प्रौप, सर १६. )।२ वीणा- | तबरत्ती स्त्री [द गेहूं में कुकूम की छाया (द [ यथा] उदाहरण-प्रदर्शक अव्यय (प्राचा विशेष (पएह २, ५)। ३ ताँत, चमड़े की ५, ५) । मरण)। रस्सी (विपा १,६ सुर ३, १३७)।
तंबा स्त्री [दे] गौ, घेनु, गैया (दे ५, १; गा तंआ देखो तया = तदा (गउड)। तंती स्त्री [दे] चिन्ता; 'कामस्स तत्तति'
४६०, पानः वज्जा ३४) । तंट न [दे] पृष्ठ, पीठ (दे ५, १)।
(गा २)।
| तंबाय पुं [तामाक] भारतीय ग्राम-विशेष तंड न [दे] लगाम में लगी हुई लार । २ वि.
तंतु पुं [तन्तु] सूत, तागा धागा (पउम १, (राज)। मस्तक-रहित । ३ स्वर से अधिक (दे ५,
१३)। 'अ, ग [क] जलजन्तु-विशेष | तंबिम पुंस्त्री [ताम्रत्व] अरुणता, ईषद् रक्तता १६)।
(पउम १४, १७, कुप्र २०६)। 'ज, य न (गउड)। तंडव (अप) देखो तड्डव । तंडवहु (भवि.) ।
[°ज] सूती कपड़ा (उत्त २, ३५) । वाय
तंबिय न [ताम्रिक] परिव्राजक का पहनने तंडव अक [ ताण्डवय् ] नृत्य करना । तंड
पुं [वाय] कपड़ा बुननेवाला, जुलाहा (श्रा का एक उपकरण (प्रौप)। वेंति (प्रावम)।
२३) । साला स्त्री [शाला] कपड़ा बुनने | संबिर वि [दे] ताम्र वर्णवाला (हे २, ५६; तंउव न [ताण्डव] १ नृत्य, उद्धत नाच (पान. का घर, ताँत-घर (भग १५) ।
गउडः भवि)। जीव ३; सुपा ८६)। २ उद्धताई 'पासंडितुं
तंतुक्खोडी स्त्री [दे] तन्तुवाय का एक उप- | तंबिरा [दे] देखो तंबरत्ती (दे ५, ५) । डाइचंडतंडवाडंबरेहि कि मुद्ध' (धम्म ८ टी।
करण (दे ५, ७)।
| तंबुक्क न [दे] वाद्य-विशेष: 'बुक्कतंबुक्कसदुकर्ड तंडविय वि [ताण्डवित] नचाया हुमा, तंदल देखो तंडल (पउम १२, १३८)।२। (सुपा ५०)। नर्तित (गउड)।
मत्स्य-विशेष (जीव १) । °वेयालिय न तंबरेम पुं[स्तम्बेरम] हस्ती, हाथी (उप पु तंडविय (अप) देखो तड्डविअ (भवि)।
[°वैचारिक] जैन ग्रन्थ-विशेष (णंदि)। तंडुल पुं [तण्डुल] चावल (गा ६६१)।
| तंदुलेज्जग तन्दुलीयक वनस्पति विशेष | तंबेही स्त्री [दे] पुष्प-प्रधान वृक्ष-विशेष, देखो तंदुल। (पएण १)।
शेफालिका (दे ५, ४)। तंत न [तन्त्र] १ देश, राष्ट्र (सुर १६, ४८)।
तंदूसय देखो तिदूसय (सुर १३, १९७)। देखो टिस
तंबोल न [ताम्बूल] पान (हे १, १२४ २ शास्त्र, सिद्धान्त (उवर ५) । ३ दर्शन, मत
तंब पुं[सतम्ब तृणादि का गुच्छा (हे २, कुमा)। (उप ६२२) । ४ स्वदेश-चिन्ता । ५ विष का । ४५; कुमा)।
तंबोलिअ पुं[ताम्बूलिक] १ तमोली, पान औषध विशेष (मुद्रा १०८)। ६ सूत्र, ग्रन्थांश
बेचनेवाला (श्रा १२) । २ पान में होनेवाला विशेषः ‘सुत्तं भरिणयं तंतं भणिज्जए तम्मि
| तंब न [ताम्र] १ धातु-विशेष, ताँबा (विपा व जमत्थों (विसे)। ७ विद्या-विशेष (सुपा १, ६, हे २, ४५)। २ पुं. वर्ण-विशेष ।
तंबोलिया नाग। ४६६) । न्नु वि [ज्ञ] तन्त्र का जानकार
३ वि. अरुण वर्णवाला, लाल (पएण १७ तंबोली स्त्री [ताम्बूली] पान का गाछ (षड्ः (सुपा ५७६) । वाइ पुं[वादिन] विद्या
प्रौप)। चूल पुं [चूड] कुक्कुट, मुर्गा(सुर३, जीव ३) । विशेष से रोग आदि को मिटानेवाला (सुपा
११) । 'वण्णी स्त्री [पर्णी] एक नदी का तंभ देखो थंभ (षड् )। नाम (कप्पू)। "सिह पु[शिख] कुक्कुट, तंस [व्यंश तीसरा हिस्सा (पंच ५, ३७;
मुर्गा (पान)। तंत वि [तान्त] खिन्न, क्लान्त (णाया १,४;
३६ कम्म ५, ३४)। विपा १, १)। तंबकरोड पुंन [दे] ताम्र वर्णवाला द्रव्य
तंस वि [त्र्यस्त्र] त्रि-कोण, तीन कोनवाला तंतडी स्त्री [दे] करम्ब, दही और चावल का विशेष (पएण १७)।
(हे १,२६, गउडा ठा १, गा १०, प्रामा बना भोजन-विशेष (दे ५, ४) ।
| तंबकिमि दे] कीट-विशेष, इन्द्रगोप (दे | प्राचा)। ५, ६ षड़)।
तक्क सक [तर्क ] तक करना, अनुमान तंतवग । पुं [तान्त्रवक] चतुरिन्द्रिय जंतु तंतवय की एक जाति (सुख ३६, १४६
तंबकुसुम पुन [दे] वृक्ष-विशेष, कुरुबक, करना, अटकल करना । तक्केमि (मै १३)। उत्त ३६,१४६)। | कटसरैया (दे ५, ६ षड्)।
संकृ. तकियाणं (प्राचा)। तंतिय पुं [तान्त्रिक वीणा बजानेवाला तंबक न [दे] वाद्य-विशेषः 'प्रणायतबक्केसु तक्क न [तक] मट्ठा छाछ (ोध ८७ सुपा (अणु)। वज्जतेसु' (ती १५)।
५८३ उप पृ११९)।
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