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पाइअसद्दमहण्णवो
अणुइण्ण-अणुगच्छ
अणुइण्ण वि [अनुद्गीर्ण] बाहर नहीं निकला अणुकंपि वि [अनुकम्पिन] १ दयालु, कृपालु अणुकुण सक [अटु + कृ] अनुकरण करना । हुआ (प्रोप)।
(माल ७२)। २ भक्ति करनेवाला (सूत्र अणुकुणइ (विक्र १२६)। अणुइण्ण देखो अणुचिण्ण।
१, ३, २)।
अणुकूल देखो अणुऊल (हे २, २१७) । अणुइण्ण देखो अणुदिण्ण।
अणुकंपिअ बि [अनुकम्पित] जिस पर अनु- | अणुकूलण न [अनुकूलन] अनुकूल करना, अणुऊल वि [अनुकूल] अप्रतिकूल, अनुकूल कम्पा की गई हो वह (नाट)।
प्रसन्न करना; 'तं कहइ । तम्मझे जिद्रुमुखी (गा ५२३)।
तचित्तणुकूलणत्थं जं' (सुपा २३४) । अणुकड्ढ सक [अनु + कृप्] १ खींचना। अणुऊल सक [अनुकूलय ] अनुकूल करना।
अणुकूलि वि [अनुकूलिन] अनुकूल-कारक, २ अनुसरण करना। वकृ. अणुकढमाण, भवि. अणुऊलइस्सं (पि ५२८)। अणुकड्ढेमाण (विपा १, १; णंदि)।
'सुहथिरजोगारणुकूलियो भरिणया' (संबोध २)। अणुओअ [अनुयोग] १ व्याख्या, टीका,
अणुक्कंत वि [अन्वाक्रान्त प्राचरित, अनुसूत्र का विस्तार से अर्थ-प्रतिपादन (प्रोध २)। अणुकड्ढि स्त्री [अनुकृष्टि] अनुवर्तन, अनु
ष्ठित (प्राचा)। २ पृच्छा, प्रश्न (अभि ४४)। सरण (पंच ५)।
अणुक्त वि [अनुक्रान्त] आचरित, विहित, अणुओइय वि [अनुयोजित] प्रवर्तित, प्रवृत्त | अणुकड्ढिय वि [अनुकृष्ट] अनुकृत, अनुसृत
अनुष्ठित; 'एस विही अणुकते माहणेणं मइकराया हुआ (णंदि)। (स १८२)।
मया (प्राचा)। अणुओग देखो अणुओअ (विसे ६)। अणुकप्प पुं [अनुकल्प] १ बड़े पुरुषों के मार्ग | अणुक्कम सक [अनु + क्रम् ] क्रम से कहना। अणुओग पुं[अनुयोग सम्बन्ध (गु १७)। का अनुकरण । २ वि. महापुरुषों का अनुकरण | भवि. अणुकमिस्सामि (जीवस १)। अणुओगि पुं [अनुयोगिन] सूत्रों का व्या- करनेवाला, 'णारगचरगड्ढगाणं पुवायरियारण
अणुक्कम सक [ अनु + क्रम् ] अतिक्रमण ख्याता प्राचार्य, 'अणोगी लोगाणं कल संसय- अणुकित्ति कुणइ, अणुगच्छइ गुणधारी, अणु
__करना । वकृ. अणुक्कमंत (गूअ १, ५, १, रणासो दढं होइ' (पंचव ४)।
कप्पं तं वियारणाहि' (पंचभा)। अणुओगिअ वि[अनुयोगिक] दीक्षित, मुनि- अणुकम पूं[अनुक्रम] परिपाटी, क्रम (महा)। | अणुक्कम देखो अणुकम (महा: नव १६) । शिष्य (णंदि)।
। सो अ[शस् ] क्रम से, परिपाटी से अणुक्कमण न [अनुक्रमण] गमन, गति, अणुओयण न [अनुयोजन] संबन्धन, जोड़ना (जी २८)।
(सूत्र १, ५, २, २१)। (विसे १३८५)।
अणुकर सक [अनु + कृ] अनुकरण करना, अणुक्कुइअ वि [अनुकुचित थोड़ा संकुचित अणुकंप सक [अनु+कम्प्] १ दया करना। नकल करना । अणुकरेइ (स ४३६)। (पव ६२)। २ भक्ति करना । ३ हित करना । वकृ. अणु
अणुकरण न [अनुकरण] नकल (वव ३ । । अणुक्कोस पुं[अनुक्रोश] दया, करुणा कंपंत (नाट)। कृ. अणुकंपणिज्ज, अणु
अणुकह सक [अनु + कथय् ] अनुवाद करना, (ठा ४, ४) । कंपणीअ (अभि ६४: रयरण १५)। पीछे बोलना।
अणुक्कोस पुं [अनुत्कर्ष] १ उत्कर्ष का अणुकण न [अनुकथन] अनुवाद (सूत्र १, अणुकंप वि [अनुकम्प्य] अनुकम्पा के योग्य
अभाव । २ बि. २ उत्कर्षरहित (भग ८, (दे १, २२)।
१०)। अणुकार ( [अनुकार अनुकरण, नकल अणुक्खित्त वि [अनुरिक्षप्त] ऊंचा न किया अणुकंप । वि [अनुकम्प, क] १ दयालु, अणुकंपय ) करुण । २ भक्त, भक्तिमान् (उत्त (कप्पू)।
हुआ, 'दिटुं धणुक्खित्तमुहं एसो मग्गो कुल१२); 'हिप्राणुकंपएण देवेणं हरिणगमेसिरणा' अणुकारि वि [अनुकारिन] अनुकरण करने
वहूणं' (गा ५२६)। (कप्प) । ३ हितकर, 'प्रायाणुकंपए णाममेगे, वाला, 'किन्नराणुकारिणा महुरगेएण' (महा)।
अणुग वि [अनुग] अनुचर, नौकर (दे ७, नो पराणुकंपए' (ठा ४, ४)।
अणुकिइ स्त्री [अनुकृति] अनुकरण, नकल; ६६) । अणुकंपण न [अनुकम्पन] १ दया, कृपा (वव
पुवायरियाणं नाणग्गहणेण य तवोविहाणेसु अणुग वि [अनुग] अनुसरण-कर्ता (गच्छ ३)। २ भक्ति, सेवा; 'माउअणुकंपगट्ठाए' य अणुकिई करेई' (पंचू)।
३, ३१)। अणुकिण्ण वि[अनुकीर्ण व्याप्त, भरा हुआ | अणुगंतव्व देखी अणुगम = अनु + गम् । अणुकंपा स्त्री [अनुकम्पा] ऊपर देखो (रणाया (पउम ६१, ७)।
अणुगंपा स्त्री [अनुकम्पा] करुणा, दया (स १, १); 'पायरियणुकंपाए गच्छो अणुकंपिनो अणुकित्तण न [अनुकीर्तन] वर्णन, प्रशंसा, १५८)। महाभागो' (कप्प-टी)। दाण न [°दान] श्लाघा (पउम ६३,७३)।
अणुगंपिय वि [अनुकम्पित] जिस पर करुणा से गरीबों को अन्न आदि देना, 'अण- अणुकित्ति देखो अणुकिइ (पंचभा)। करुणा की गई हो वह (स ४७५) । कंपादाणं सड्ढयारण न कहिपि पडिसिद्ध' अणुकुइय वि [अनुकुचित] १ पीछे फेंका अणुगच्छ देखो अणुगम = अनु + गम् । अणु(धर्म २)।
| हुपा । २ ऊंचा किया हुआ (निचू ८)। गच्छइ वकृ. अणुगच्छंत, अणुगच्छमाण
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