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________________ दीर्घिकाणायवरिदानी महिला का टापि . १०७४ शब्दरत्नमहोदधिः। [दीर्घसूक्ष्म-दुःख दीर्घसूक्ष्म (पुं.) 'पात ४५-यो॥२॥२त्र' भय ४८. स. | दीर्घायुध पुं. (दीर्घ दन्तरूपमायुधं यस्य) २-y3. પ્રકારનો પ્રાણાયામ. (न. दीर्घ च तदायुधं च) मादी-५२४ी वगैरे. Cil दीर्घसूत्र त्रि. (दीर्घेण चिरकालेन सूत्रमीप्सितव्यापारो | मायुध... यस्य) हाधसूत्री-मंह, 35 मम ०४ मत | दीर्घायुधी स्री. (दीर्घायुध+स्त्रियां ङीष्) (y.31-320.. Junl२. अदीर्घसूत्रश्च भवेत् सर्वकर्मसु पार्थिव । । दीर्घायुष्य पुं. (दीर्घमायुष्यं यस्य) श्वेत. महानु, , दीर्घसूत्रस्य नृपतेः कर्महानिर्धवं भवेत्-मत्स्यपुराणम् । भा530 मुनि. (त्रि. दीर्घ आयुष्यं यस्य) ial (न. दीर्घ च तत् सूत्रं च) ij सूत्र, cict. diarul | आयुष्यवाणी. (न. दीर्घ च तदायुष्यं च) Ail. - मेखलागुणविलग्नमसूयां दीर्घसूत्रमकरोत् परिधानम्- આવરદા. शिशु० १०।६१। (त्रि. दीर्घ सूत्रमस्य) eial सूत्रवाणु, | दीर्घालर्क पुं. (दीर्घोऽलर्क इव) श्वेत मंहारनु वृक्ष. લાંબા તાંતણાવાળું. दीर्घास्य पं. (दीर्घमास्यं यस्य. दीर्घमास्यं यत्र देशे च) दीर्घसूत्रता स्त्री., दीर्घसूत्रत्व न. (दीर्घसूत्रस्य भावः હાથી, શિવનો એક અનુચર, પશ્ચિમની ઉત્તરે આવેલો तल टाप्-त्व) थोडा मा. विशेष समय 40sal. में देश. (त्रि. दीर्घमास्यं यस्य) cial भुजवाणु (न. दीर्घ च तदास्यं च) ij भुज. दीर्घसूत्रिन् त्रि. (दीर्घ सूत्रं कर्तव्यव्यापारोऽस्त्यस्य इनि) दीर्घाह पुं. (दीर्घ च तदहः टच्) सो हवस.. ४२.805 मम प समय ढ॥२- विषादी दीर्घसूत्री दीर्घाहन पुं. (दीर्घाणि अहानि यत्र) 61नो समय.. दीर्घिका स्त्री. (दीर्धेव स्वार्थे कप् टापि अत इत्वम्) च कर्ता तामस उच्यते-गीतायाम् १८।२८ । -दीर्घसूत्री विनश्यति-पञ्च० ४। नानी. वाव -नवैरिदानी महिषैस्तदम्भः शृङ्गाहतं क्रोशति दीर्घिकाणाम्-रघु० १६।२३। मे. .२नु, ४साशय, दीर्घसेन पुं. (जै. प्रा. दीहसेण) अनुत्तर वि.स.मी. पित्री -'लुठन्ति तापादिव दीर्घिकाजले' . મુનિ વિશેષ, આ અવસર્પિણી કાલમાં ઉત્પન્ન થયેલા चन्द्रप्रभकाव्ये । ઐરાવત ક્ષેત્રના આઠમા જિનદેવ. दीर्धारु पुं. (दीर्घा इर्वारु:) : सतनी सत, ३री.. दीर्घस्कन्ध पुं. (दीर्घः स्कन्धोऽस्य) ताउनु उ... दीर्ण त्रि. (ह+विदारे क्त) यी३. नद, डी. मेद, दीर्घस्वर पुं. (दीर्घश्चासौ स्वरः) eiu स्व२. (त्रि. या२॥ये, भयमीत- यन्न दीर्घं प्रिये पुत्रे वनवासाय दीर्घः स्वरो यस्य) ail स्वरवाj. निर्गत -रामा० २।३९।२९। (न. दृ भावे क्त) दीर्घा स्त्री. (दिर्घ+टाप्) पृश्निपर्णी नामनी वनस्पति.. यी२, 3j, मय-जी.. दीर्घाक्ष (न.) सदसघी पडोये. मेवी. जवाणी. - दीवि (पं.) या पक्षी.. दीर्घाक्षं शरदिन्दुकान्तिवदनम्-मालवि० २।३।। दु (भ्वा. पर. स. अनिट्-दवति) मन. ४२j, ४j. दीर्घाकुर पुं. (दीर्घ अङ्कुरः यस्य) मे तनी (उपतापे स्वा. पर. स. सेट-दुनोति) पी3g- (मुखं) ___ अंग२, शादी.. तव विश्रान्तकथं दुनोति माम्-रघु० ८५५ । हुन दीर्घाध्वग त्रि. (दीर्घ आयतं अध्वानं गच्छति गम्+ड) हे, हुम भोगवj. -उद्भासीनि जलेजानि दुन्वन्त्यदयितं cid. २स्ते. यासान॥२. (पुं. दीर्घ अध्वानं गच्छति जनम् -भट्टि० १४।८५। -देहि सुन्दरि ! दर्शनं मम गम् ड) सु-सह, पामो. ८५.वियो.. मन्मथेन दुनोमि-गीत० ३।। दीर्घाध्वन् पुं. (दीर्घश्चासौ अध्वा च) cinो २स्तो. दुःकर्ण पुं. (दुष्टौ की अस्य) धृतराष्ट्रनो ते. नामनो दीर्घायु, दीर्घायुस् त्रि. (दीर्घ आयुः यस्य) cial मे पुत्र. अायुषवाणु- दीर्घायुषः प्रजाः सर्वा युवा न प्रियते | दुःकूल पुं. (दुर्दुःखं तज्जनकं कूलं रोधो यस्मात्) यो२ तदा-महा० ७५३।१४। -गर्भात् प्रभृत्यरोगो यः नामर्नु मे गन्धद्रव्य. शनैरुपचीयते । शरीरज्ञानविज्ञानैः स दीर्घायुः | दुःख (दुःखकरणे कण्ड्वा . पर. अक. सेट, दुःख्यति) समासतः-सुश्रुते ३५ अ० । (पुं. दीर्घ आयुः यस्य) | दु:५. २. (तत्क्रियायाम्, चुरा उभ. अक. सेट, शामल वृक्ष, 51132, 945 वृक्ष, भा5934. दुःखयति -दुःखयते) पी..j, दु:vी थj, हुम हे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016068
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages838
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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