SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 290
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ असमापित-असम्बद्धप्रलाप] शब्दरत्नमहोदधिः। २४३ असमापित त्रि. (न समापितः) समाप्त नलित, समाप्त | असमेत त्रि. (न सम् आ इ क्त) मावत नलिसे नलि ३८.. હજી પહોંચ્યો ન હોય, ગેરહાજ૨. असमाप्त त्रि. (न समाप्तः) १. समाप्त नलित, क्वचिदसमेतपरिच्छेद:-मनु० ९।३० અસંપૂર્ણ, સમાપ્તિ વગરનું, સારી રીતે નહીં પ્રાપ્ત ! | असमेषु पु. (असमः इषुर्यस्य) विषम संध्यान न. ४२८, व्यस्त. -असमाप्ते परिकर्मणि स्मृतः-कुमा० ધારણ કરનાર, કામદેવનાં પાંચ બાણ હોય છે. જુઓ. ४।१९ -असमबाण श०६. असमाप्ति स्त्री. (न समाप्तिः) समाप्तिनो अमाव, असम्पत्ति स्त्री. (न सम्पत्तिः अनुरूपात्मलाभः लक्ष्मीश्च) સારી રીતે પ્રાપ્તિ ન થવી. १. संपत्तिनो अभाव, २. सक्ष्मीनो अमाव. असमाप्ति त्रि. (न समाप्तिर्यस्य) समाप्ति वार्नु, असम्पत्ति त्रि. (न सम्पत्तिर्यस्य) १. संपत्ति वर्नु, સારી રીતે નહિ પ્રાપ્ત કરેલ. २. सक्ष्म विनानु, हरिद, vी, हुम0. असमायुक्त त्रि. (न सम् आ युज् क्त) ने सारी. असम्पन्न त्रि. (न सम्पन्नः) सम्पन्न नलिते, सम्पत्ति वर्नु, असतो, हुमाय. રીતે શિક્ષિત ન કરાયો હોય તે. असम्पर्क पु. (न सम्पर्कः) iधनो. समाव. असमावर्त पु. (न समावर्त्तः) नो गृहस्थाश्रममा असम्पर्क त्रि. (न सम्पर्कः यस्य) सला. वर्नु, પ્રવેશ યોગ્ય સમાવર્તન સંસ્કાર નથી થયો તેવો સંબંધ વિનાનું. बाहयारी. असम्पात त्रि. (न संपातो यस्य) २६४२, ४ पासे. असमावर्त्तक पु. (असमावर्त+कन्) 6५२न. अर्थ. शुभो, न होय. असमावृत्त पु. (न समावृत्तः) नो समावतन. २२७१२ असम्पात पु. (न सम् पत् घञ्) Aष्यता, नही२५, નથી થયો તેવો બ્રહ્મચારી. 4. N.55 8j -असंपातं करिष्यामि ह्यद्य असमावृत्तक पु. (न समावृत्तः कन्) 6५२नो. अर्थ त्रैलोक्यचारिणाम् श० ३६४१५९ असम्पूर्ण त्रि. (न सम्पूर्णः) सम्पूर नलित, Ailus. असमाहार पु. (न समाहारो मेलनम्) भेलापनलित, -क्रूरग्रहः सकेतुश्चन्द्रमःसंपूर्णमण्डलमिदानीम्-मुद्रा० असमुदाय. (न सम्यगाहरणं च ) सारी शत. न. १६ दावते. असम्पृक्त त्रि. (न सम्पृक्तः) संबंध वगरनु, नल असमाहार त्रि. (न समाहारः यस्य) १. भेगा५वानु, જોડાયેલ. સમુદાય રહિત, ૨. સારી રીતે નહિ આણેલું. असम्प्रज्ञात पु. (न सम्यक्प्रज्ञातः ज्ञेयादिभेदो यत्र) असमाहित त्रि. (न समाहितः) १. स . २र्नु, પતંજલ યોગશાસ્ત્રમાં બતાવેલ જ્ઞાતા, જ્ઞાન, શેય ચિત્તની એકાગ્રતા વગરનું. ૨. સારી રીતે નહિ વગેરે ભેદોથી રહિત નિર્વિકલ્પ સમાધિ. સ્થાપેલ. असम्प्रज्ञात त्रि. (न सम्यकप्रज्ञातः) सारी. शत. नहि असमिध्य अव्य. (न सम् इध् ल्यप्) पाण्याविनt. __%ोस.. असमीक्ष्यकारिन् त्रि. (न समीक्ष्य विविच्य करोतीति असम्प्रति अव्य. (न सम्प्रति) SHR, नल ते, अयोग्य म. __ कृ+णिनि) १. १२ वियाएं 5२८२, २. भू. असम्बद्ध त्रि. (न सम्बद्धः) १. संबध विनानु, असमीचीन त्रि. (न सम् अञ्च् क्विन् ख) ४ ५२५२ २. असंगत. न. लोय, मामा मयु डोय ते... असम्बद्ध न. (न सम्बद्धं परस्परमन्वितम् न भवति) असमृद्धि स्त्री. (न समृद्धिः) समृद्धिमा समाव, साता અર્થ ન સમજાય તેવું અન્વયરહિત વાક્ય, નિરર્થક. विनानु, वस्तुनी मोट बागेते. नात्मानमवमन्येत असम्बद्धप्रलाप पु. (असंबद्धः प्रलाप.) संवर्नु पूर्वाभिरसमृद्धिभिः -मनु० ४।१३७ पोलते, प्रयो४. वन डेते. - असमृद्धि त्रि. (न समृद्धिर्यस्य) समृद्धि विनानु. ___ असम्बद्धप्रलापश्च वाङ्मयं स्याच्चतुर्विधम्-मनु० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016067
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages864
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy