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________________ संजयन्त मुनिकी कथा ३५ श्रीभूति रानीकी बात सुनते ही घबरा गया । उसके मुँहसे एक शब्द तक निकलना मुश्किल पड़ गया । उसने बड़ी घबराहटके साथ काँपतेकाँपते कहा - महारानीजी, आज आप यह क्या कह रही हैं। मैं एक क्षुद्र कर्मचारी और आपके साथ खेलू ? यह मुझसे न होगा । भला, राजा साहब सुन पावें तो मेरा क्या हाल हो ? रानीने कुछ मुस्कराते हुए कहा - वाह, आप तो बड़े हो डरते हैं । आप घबराइये मत । मैंने खुद राजा साहबसे पूछ लिया है। और फिर आप तो हमारे बुजुर्ग हैं। इसमें डरकी बात ही क्या है । मैं तो केवल विनोदवश होकर खेल रही हूँ । "राजा का मैंने स्वयं आज्ञा ले ली" जब रानोके मुँहसे यह वाक्य सुना तत्र श्रीभूतिके जीमें जी आया और वह रानी के साथ खेलने के लिये तैयार हुआ I दोनों का खेल आरम्भ हुआ । पाठक जानते हैं कि रानीके लिये खेलका तो केवल बहाना था। असल में तो उसे अपना मतलब गाँठना था । इसीलिये उसने यह चाल चली थी। रानी खेलते-खेलते श्रीभूतिको अपनी बातों में लुभाकर उसके घरको सब बातें जान ली और इशारेसे अपनी दासीको कुछ बातें बतलाकर उसे श्रीभूतिके यहाँ भेजा । दासोने जाकर श्रोभूतिकी पत्नीसे कहा- तुम्हारे पति बड़े कंष्टमें फँसे हैं, इसलिये तुम्हारे पास उन्होंने जो पाँच रत्न रक्खे हैं, उनके लेनेको मुझे भेजा है। कृपा करके वे रत्न जल्दी दे दो जिससे उनका छुटकारा हो जाय । श्रीभूतिकी स्त्रीने उसे फटकार दिखला कर कहा चल, मेरे पास रत्न नहीं हैं और न मुझे कुछ मालूम है । जाकर उन्हींसे कह दे कि जहाँ रत्न रक्खे हों, वहाँसे तुम्हीं जाकर ले आओ । दासीने पोछी लौट आकर सब हाल अपनी मालकिनसे कह दिया । रानीने अपनी चालका कुछ उपयोग नहीं हुआ देखकर दूसरी युक्ति निकाली । अबकी बार वह हारजीतका खेल खेलने लगी । मंत्रीने पहले तो कुछ आनाकानी की, पर फिर "रानीके पास धनका तो कुछ पार नहीं है और मेरी जीत होगी तो मैं मालामाल हो जाऊँगा" यह सोचकर वह खेलने को तैयार हो गया । रानी बड़ी चतुर थी । उसने पहले ही पासेमें श्रीभूतिकी एक कीमती अंगूठी जीत ली। उस अंगूठीको चुपकेसे दासीके हाथ देकर और कुछ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016063
Book TitleAradhana Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaylal Kasliwal
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year2005
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size21 MB
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