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________________ २५२ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-महालय शब्द हिन्दी टीका-महालय शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. विहार, २. तीर्थ और ३. परमात्मा । महावीर शब्द भी पुल्लिग है और उसके आठ अर्थ माने गये हैं-१. गरुड़, २. हनुमान, ३ मखानल (यज्ञवह्नि) ४. चतुर्विशजिन (चौबीसवां तीर्थङ्कर भगवान वर्द्धमान प्रभु) ५. सिंह, ६. शूर (वीर) ७. वज्र तथा ८. धनुर्धर (धनुषधारी)। महाशङ्ख शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ होते हैं१. बृहत्कम्बु (बड़ा शंख) २. निधिभेद (निधि विशेष) और ३. नरास्थि (मनुष्य की हड्डी) इस प्रकार महाशंख शब्द के तीन अर्थ जानना। मूल : महानुभावेऽकूपारे त्रिलिंगः स्यान्महाशयः । महासाहसिकः स्तेने बलपूर्वापहारके ॥१४३४॥ महासेनः कार्तिकेये महासेनापतौ शिवे । मातंगः कुञ्जरेऽश्वत्थे श्वपचेर्हदुपासके ।।१४३५।। हिन्दी टीका-महाशय शब्द त्रिलिंग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं-१. महानुभाव (महाभाग) और २. अकूपार (समुद्र)। महासाहसिक शब्द भी पुल्लिग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं-१. स्तेन (चौर) और २. बलपूर्वापहारक (बलपूर्वक-जबरदस्तो अपहरण करने वाला) । महासेन शब्द भी पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं-१. कार्तिकेय, २. महासेनापति (महासेना का पति) और ३. शिव (भगवान शंकर)। मातंग शब्द पुल्लिग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं -१. कुञ्जर (हाथी) २. अश्वत्थ (पीपल) ३. श्वपच (चाण्डाल) और ४. अर्हद्-उपासक (भगवान तीर्थङ्कर का उपासक भक्त)। मूल : मात्रा परिच्छदे स्वल्पे वित्ते श्रवणभूषणे । अक्षरावयवे कालविशेषे - परिमाणयोः ॥१४३६।। मादो दर्प मत्ततायां प्रमोदेऽपि प्रकीर्तितः । वसन्ते कृष्ण मुद्गे च वैशाखे माधवो हरौ ॥१४३७।। हिन्दी टीका-मात्रा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके सात अर्थ होते हैं-१. परिच्छद (परिवार) २. स्वल्प, ३. वित्त (धन) ४. श्रवणभूषण (कर्णभूषण) ५. अक्षरावयव (ह्रस्व-दीर्घ-प्लुत) ६. कालविशेष और ७. परिमाण (माप करने का साधन विशेष)। माद शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१ दर्प (घमंड) २. मत्तता और ३. प्रमोद (आनन्द)। माधव शब्द पुल्लिग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं-१. वसन्त (वसन्त ऋतु) २. कृष्णमुद्ग (काला मग-मूंग) ३. वैशाख और ४. हरि (भगवान विष्णु)। मूल : दुर्गायां पुण्ड्रके मद्ये कुट्टन्यां माधवी मता। मानसं सरसि स्वान्ते त्रिलिंगन्तु मनोभवे ॥१४३८॥ माया कृपायां पद्मायां कपटे बुद्धमातरि । दुर्गायां विष्णुमायायां मायः पीताम्बरेऽसुरे ॥१४३६॥ हिन्दी टोका-माधवी शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं -१. दुर्गा (पार्वती) २. पुण्ड्रक (कुन्द नाम का फूल विशेष) ३. मद्य (शराब) ४. कुट्टनी (व्यभिचारिणी स्त्री को दूती)। नपुंसक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016062
Book TitleNanarthodaysagar kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherGhasilalji Maharaj Sahitya Prakashan Samiti Indore
Publication Year1988
Total Pages412
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size22 MB
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