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________________ जैन आगम प्राणी कोश 29 शिकार को देखता रहता है और आसमान में बड़े-बड़े आवाज के कारण लोग इसे भी राजहंस के नाम से चक्कर लगाया करता है। 3 या 4 स्वरों की पुकारते हैं। इनकी टोलियां V आकृति या तिरछी लहर केक-केक-केक की ध्वनि से पहचाना जाता है। बनाती हुई या फिर सीधी रेखा में उड़ती हैं। विवरण-विश्व में इसकी अनेक प्रजातियां पाई जाती विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-भारत के पक्षी, K.N.. हैं। यह शाखा पर बैठ कर शिकार को देखता रहता Dave] है और आसमान में बड़े-बड़े चक्कर लगाया करता है। 3 या 4 स्वरों की केक-केक-केक की ध्वनि से पहचाना ___ कोइल, कोइला [कोकिल, कोकिला] ठाणं 7/41 जाता है। ज्ञाता. 1/5/3 प्रश्नव्या. 2/12, 4/18 Koel-कोयल, कोकिला, कूक्कू। कुलाल [कुलाल] सू. 2/6/44 आकार-कौवे की अपेक्षा कुछ दुबली-पतली। Cat-मार्जार, विलाव। देखें-कुलल कुलाल [कुलाल] सू. 2/6/44 Mottled Wood Owl-उल्लू देखें-उलूक जी कुलाल [कुलाल] सू. 2/6/4 Red Jungle fowl-जंगली मुर्गा, मुर्गा, वन कुक्कुट। देखें-कण्णत्तिय कुलीकोस [कुलीक्रोश] प्रश्नव्या. 1/9 Flamings-बॉग हंस, राजहंस, हंस, छानराज बागो। आकार-खड़ा होने पर 4 फुट ऊंचा घरेलू राजहंस की भांति। लक्षण-नर के शरीर का रंग चमकता हुआ काला। पीली हरी चोंच और गहरी लाल आंखें । मादा के शरीर का रंग भूरा तथा शरीर में काफी घनी सफेद चित्तियां और धारियां होती हैं। विवरण-विश्व में इसकी अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। बगीचों, कुंज और घनी पत्तियोंदार पेड़ वाले खुले स्थानों में कू-कू-कू की ध्वनि से पहचानी जाती है। गर्मी के साथ-साथ इसकी बोली बढ़ती जाती है। प्रत्येक कू के साथ दूसरी कू जोर से बोलती है। यह एक परजीवी प्राणी है। मादा कोयल अपने अंडे कौवे के घोसले में बड़ी चालाकी से रख देती है। लक्षण-शरीर का रंग गुलाबी-सफेद । लम्बी टांगें तथा कोंडलग [कुण्डलक, कोण्डलक, कोंटलक] औप. लम्बी गर्दन। गलाबी रंग की चोंच बीचोंबीच से नीचे 6 जीवा. 3/275 जम्बू. 2/12 की ओर मुड़ी रहती है। Kora, watercock-कोरा, कोंडलग, कोगंरा, कांगाड़, विवरण-केवल भारत में पाया जाने वाला यह पक्षी जलमुर्गा। ती देखने में अत्यन्त सुन्दर होता है। राजहंस की तरह भोंपू आकार-तीतर से कुछ बड़ा। काला Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016052
Book TitleJain Agam Prani kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVirendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages136
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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