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________________ परिशिष्ट १ ५०३ सुहच्छी- आसन-विशेष, सुखासिका | हक्किय-१ हांका हुआ । २ प्रेरित । सुहाग-सौभाग्य (सुहाग-राज) | ३ निषिद्ध । ४ आहूत । ५ उन्नत सुहावण-सुहावना हक्खुविअ-उत्पाटित सुहिल्ल-सुखी, आनन्दित हच्छं---शीघ्र सुहेल्लिय-सुखपाल हडहड-१ अत्यंत बिखरे बालों सूडिय-भांगा हुआ वाला । २ भोजन-वस्त्र आदि से सूणार-१ वधस्थान । २ वध रहित सूरिल-श्वसुरपक्ष हडाविय --हटाना-दूरोत्सारित सेआलिआ-दूर्वा इत्यर्थे देशी सेर-परिमाण-विशेष, सेर हडि-अभ्यस्त, हठी-अभ्यस्त सेलग - भाला इत्यर्थे देशी सहली-गणिका हड्डुव–कलह सेहीर-सिंह हड्डाल--अस्थियुक्त-अस्थियुक्त सोअण-मल्ल इत्यर्थे देशी सोआल--देवता को भेंट हणिअ-सुना हुआ सोज्झिअ- निद्रालु हत्थर-सहायता सोण्णार-स्वर्णकार हत्थावार-सहायता सोमालिया -हाथी की सूंड हत्थिहार--युद्ध सोरी--कसाई हत्थुत्थल्ल-हाथ के इशारे से सोलत्तग- अपहृत धन के साथ आज्ञा देना सोवणय--१ शयनगृह । २ शयन हथलेव-पाणि-ग्रहण सोहल-उत्सव (सोहलो-गुज) हद्धिण--आंखमिचौनी सोहलय-उत्सव सोहिल्ल-पिष्ट हर-तृण हरण-१ स्मरण । २ ग्रहण । ३ वस्त्र हंसल-आभूषण-विशेष हरहाइ-चरागाह हक्क-१ निषेध । २ हांक । हरिकिडि-वराह ३ ललकार, पुकार हरिवर-मण्डूक हक्कंत-निषेधमान हरिसोल्लिय-उल्लसित हक्का-१ पुकार । २ प्रेरणा हरे-संबोधन-सूचक अव्यय हक्कारअ-दूत, हलकारा हलफलय--प्रक्षोभ हक्किऊण-हांक कर | हलबोलिय- त्वरा, हलफल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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