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________________ ५०२ देशी शब्दकोश सिंथ--धनुष की डोरी एक प्रकार सिंदाण-विमान सिहंडहिल्ल-बालक सिंदुर-रज्जु सिहड-सोए व्यक्ति का नासा-शब्द सिंदूरिआ-राज्य सीउग्ग-शीतकाल का दुर्दिन सिंधुवणअ-अग्नि सीउल-हिमकाल का दुर्दिन सिंबासिबि-अतिशीघ्र, चटपट सीउल्लि-शीत ऋतु का दुर्दिन सिंहलअ-वस्त्र आदि को धूपित सीकोत्तरी--महिला करने का यंत्र सीसक्क--तुष सिक्कड-खटिया सीसम-शिंशपा, सीसम का गाछ सिक्करिअ-शृंगार से उत्पन्न सीहली-१ शिखा । २ नवमालिका कुतूहल सुइयाणिया-सूति-कर्म करने वाली सिक्करिआ-जहाज का आभरण स्त्री विशेष संकाणिअ-पतवार खेने वाला सिक्किरि-छत्र व्यक्ति सिगरि-ध्वज-चिन्ह संचल-काला नमक सिग्गिरि--१ पताका । २ छींका। | सुक्कड-शुष्क-शुष्क इत्यर्थे देशी ३ नीलवर्ण-नीलवर्ण इत्यर्थे देशी | सुक्कतरु ----अगरु सिज्जमाण-पकता हुआ-पच्यमान | सुक्काणय-जहाज के आगे का इत्यर्थे देशी। (सीजना-राज) ऊंचा काष्ठ सिट्टा--सोए हुए व्यक्ति के नाक का सुज्झुअ-धोबी शब्द सुढिय -दुखित-दुःखित इत्यर्थे देशी सिट्र-सोकर उठा हुआ सुदारुणी-चांडालिन सिडिंग-विदूषक, प्रहासक सुप्पाडोस—अच्छा पड़ोस सिडी-सीढी, निःश्रेणी सुमंठ-घुटा हुआ, सुमृष्ट सिणिसिव-तन्तुवाय सुरावण ----कुत्रिकापण सिणी-लज्जा सुलोस-कुसुम्भ वस्त्र सिप्पि-शुक्ति सुवन्नालुगा-दतवन करने का पात्र, सिप्पीर-तुष, पलाल-धान्यादीनां लोटा आदि तुषमित्यर्थे देशी सुवासिणी-जिसका पति जीवित सिलिधय-बालक हो वह स्त्री, सुहागिन सिलिप -- बालक, बच्चा सुविसत्थ-व्यभिचारी सिल्ल-१ भाला । २ जहाज का । सुस्विजा-माता Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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