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________________ ૪૨૬ विप्पत्ती - १ व्रत । २ उत्सव - विशेष विप्पलय - विविधता, विचित्रता विष्फs - विशाल विब्भाडण - १ विनाश । २ विनाशक विब्भाडिय - १ नाशित | २ अपमानित विभिय-विस्मय विम्हरावण – स्मरण कराने वाला वियज्झ - परवश वियड्डू - विशेषरूप से शीतल वियाइय- बच्चे देना वियारिय-१ कान मरोडना । २ चपेटा देना विरण्णिअ-आर्द्र, गीला विरहि - वृक्ष - विशेष विराम इल्ली - विराम करने वाली विरिचर --- धारा विरिचिर:-धारा से विरेचन करने वाला Jain Education International विव्वोयण--- उपधान विसंभर-- तन्तुवाय विसग्ग- व्युत्सर्ग विसट्टंत - १ विकसित । २ उत्थित । ३ विघटित विसट्टण - विकास विसय - विकसित विसड्डू - शोभित विसद्धत -- पतन विसर - वाद्य - विशेष विसार - सेना विसिड - १ विरत । २ विसंस्थलचंचल देशी शब्दकोश विसुराविय - खिन्न किया हुआ विस्सा णिज्जंत- मृष्ट विस्सुअ— उन्मत्त विहडण-अनर्थ विहल मौर्वी विश्वय - कुत्सित विलंखल-विह्वल विरोलण - १ बिलौना करने वाला । विहाणय - प्रभात २ विनाशक विरोल्लिय- कदर्थित विल - योनि विवरम्मुह - पराङ्मुख विवराहुत्त - विपराङ्मुख विवरेर वर्णन करने वाला विवरेरय-विपरीत विवाविड - अतिशय गौरव विवोल - विशेष कोलाहल विवोलिअ - व्यतिक्रान्त विहडफड - विस्फुरित- विस्फुरित इत्यर्थे देशी विहिम - जंगल, अरण्य विहिमिहिय विकसित, प्रफुल्लित विहोय - वैभव वीअदुहिय-भृत वीबी-तरंग वीवी वीचि, तरंग वोसालिअ - मिश्रित वुक्करंत - भौंकता हुआ वुक्करिय- शब्दित, शब्द किया हुआ चुक्कारिय—गर्जना - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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