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________________ ४६२ देशी शब्दकोष ३ विरति, विराम | रहमान-१ यवन मत का एक रउताणिया-रोग-विशेष, खुजली | तत्त्ववेत्ता । २ खुदा, अल्ला रंकुय-क्षुद्रप्राणी रहल्लि -तरङ्ग रंखोलिय-कम्पित रहसोयर-उत्तेजक रंडत्तण--रंडापा रहाविअ-स्थापित रंडिय-विधवा बनी हुई रहिय-१ आच्छादित । २ रहा रंति-काम-क्रीडा हुआ रंपण-तनूकरण, पतला करना राअल्ल-तृण-धान्य, प्रियंगु रंफण-पतला करना, तनूकरण राढाल-अतिविभूषाप्रिय रंभडिआ-गोधा, छिपकली राण-दान रक्खणिया-रखी हुई स्त्री, रखेलिन रायंबुय---शरभ रक्खवाल-रखवाला, रक्षक रारडत-चिल्लाहट रगिल्ल-अभिलषित रावण-रंजक, रंगनेवाला रच्चण-१ अनुराग। २ अनुराग रावणहत्थ-वाद्य-विशेष करने वाला राहा--शोभा रच्चिर-राचने वाला रिअ-लून, काटा हुआ रज्ज---लेखक, लिखने का काम रिगिर – भ्रमणशील करने वाला रिगिसिया-वाद्य-विशेष रज्जुसभा-शुल्कगृह रिछ-तोता रडि-आक्रन्दन रिछोली-परम्परा रडु-खिसक कर गिरा हुआ रिह-रेखा रणझणंत-घंटों की झंकार रीडण-अलंकरण रमण-नितम्ब रीण-१ दीन । २ क्लिष्ट । रलिया-अभिलाषा ३ श्रांत-श्रान्त इत्यर्थे देशी रल्लि-लम्बा मधुर शब्द रीरिअ-शोभित रवण्ण-रमणीय-रमणीय इत्यर्थे रुजिय-शब्द, गर्जना देशी रुटण-आवाज रवरिअ-दूत रुटिर-भौंरे का गुनगुनाना रसमस-मिसमिसाना रुदिम-लम्बाई, विस्तार रसोई-रसोई रुदी-विस्तीर्णता, लम्बाई रसोयणी-रसोई बनाने वाली रुप-१ त्वचा। २ उल्लिखन रहण-१ स्थिति । २ त्याग । | रुक्ख-वृक्ष (रूंख-राज) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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