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________________ परिशिष्ट १ पुप्फुआ -- करीष की अग्नि पुलंधअ -- भ्रमर भ्रमरा पुल्लि -- शबरजाति विशेष--- शबरजातिविशेषे देशी पुष्बंग - मुण्डित पुसिय-मार्जित मार्जित इत्यर्थे देशी पूण - गर्वित पूल - ढेर, पुञ्ज पेंडइय-पिंडित -- पेक्किअ - बैल की आवाज पेज्ज लिअ - संघटित पेट्ट पेट पेदंड - लुप्त - दण्डक, जुए में जो हार गया हो पेलव-मादंव पेल्लावेल्लि - संभ्रम पेल्ल | वोल्लि - इधर से उधर और उधर से इधर खींचना पेसणआली दूती, दूतकर्म करने वाली स्त्री पेहुणय - पिच्छ- पिच्छशब्दार्थ देशी पोअग्ग - निर्भय पोइअ - इन्द्रगोप पोंग-पाक, पकना पोक्का - पुकार, चिल्लाहट पोक्किय चिल्लाहट पोट - उदर पोट्ट - गठरी पोट्टरिय---पिण्डी पोट्टलय -- पोटली, गठरीग्रन्थिशब्दार्थे देशी Jain Education International ―― पोट्टलिक-नौली आदि साधन पोट्टि - उदर-पेशी पोट्टुल्ल-पेट पोत्त-वस्त्र पोष्फली - सुपारी का वृक्ष पोमाइय - १ प्रशंसित । २ अवलोकित पोमाइयय - प्रशंसित पोमासणु -- पद्मासन पोमिणी – कमल का सरोवर पोरत्थ - ईर्ष्यालु पोरवग्ग - विश्राम पोली – दरवाजा, पोल्लर - तप - विशेष पोल ४८५. फ फंफाव - बंदि - विशेष फंफावय-- बंदी, चारण - बंदि - चारणादय इत्यर्थे देशी फडस - खंड फर- काष्ठ का पट्ट फरअ - १ काष्ठ - पट्ट | २ शस्त्रविशेष फर विकद - फरका हुआ, हिला हुआ फरहत्थ ----- फहराता हुआ फलस - कार्पास फार -- प्रचुर — प्रचुर इत्यर्थे देशी फारक्क - ९ स्फारक अस्त्र । २ स्फारक अस्त्र को धारण करने वाला । ३ ध्वज फारविकय - स्फारक अस्त्र को धारण करने वाला फिफर - कठूमर, फल- विशेष For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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