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________________ ४७६ परिशिष्ट १ थागत्त - जहाज के भीतर घुसा हुआ । थोरियगरिल्ल - गोलाई से मोटा पानी और ऊंचा लपेटा हुआ शिरोवस्त्र थोवड - स्थूल थाणग - १ चौकी, पहरा । २ पहरेदार, चौकीदार थामलय -- स्थान थाला - धारा थाव - स्थान थावर - दो हलों से बोने जितना खेत थास - पृथु, बडा थाहिअ - आलाप, स्वर - विशेष डिल्लिया - पुत्तलिका, गुड़िया थिदिणी छन्द - विशेष थिप्पमाण- गलित होता हुआ थिप्पिर - विगलित थिरणास -- चलचित्त, चंचल थिरणेस - अस्थिर थिल्ल— गुप्त थुडुक्किय-मौन, चुप्पी थूण - अश्व – अश्व शब्दार्थे देशी यूथ - घृणा सूचक अव्यय थेंभ - बिन्दु थेट – गृह, घर -- थेणिल्लअ - - अपहृत थेव थोड़ा पोट्ट - १ टूटे हुए हाथ वाला - छिन्नहस्त इत्यर्थे देशी । २ स्थाणु, ठूंठ थोर -१ सुडोल । २ विस्तीर्ण थोरिय-भैंसों की देखभाल करने वाला Jain Education International द दअर - १ पिशाच । २ ईर्ष्या दंडवण - घृत ifsfera - अपमानित दंतिक्कग - मांस दंतुल्लि - छोटा दांत दंसण --- कवच दडक्क --- दहाड़ दडत्ति - १ झटपट, तुरन्त । २ अनुकरणवाची शब्द दडि वाद्य विशेष दडिक्क वद्य विशेष दड्डालि - दव-मार्ग दबक्किय - द्रुतकृत, दुबकना दमदंड -- भ्रमर दम्म --- दाम दयावणिय - दयनीय दरमलिअ - आहत, चूर्णित दरवलिअ - उपभुक्त दलवण - १ निर्दलन । २ विनाशक दलवट्टिय - निर्दलित दवक्कडी - वज्रपात दवट्टि - शीघ्र दवत्ति - शीघ्र दवहवस्स - शीघ्रता से दहिय-पक्षि-विशेष दाढा - दाढा दंष्ट्रा शब्दार्थे देशी वाढियाल -- दाढ़ीवाला दाणि – शुल्क, चुंगी For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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