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________________ ४६० देशी शब्दकोश खत्ति--एक म्लेच्छ-जाति खत्थ-संतप्त खंचण-कर्षण, खीचना खत्थय--भीत खंडपयार-एक प्रकार की मिठाई खम्नवाइ-वह व्यक्ति जो यह मानता खंडसोल्ल–चीनी से बना खाद्य हो कि खान से बहुमूल्य रत्न पदार्थ आदि निकालने से वह धनाढ्य खंडिआ-माप-विशेष, बीस मन का होगा एक माप खप्पिअ-परिपूर्ण खंडीधारा-अति उष्ण पानी की | खब्बण-दक्ष धारा खयाल-१ वंस-जाल, झाड़ी। खंडुअ-हाथ का आभूषण-विशेष, २ पर्वत-गर्त बाजूबंद खरंसूया-वनस्पति-विशेष खंदजी-स्थूल इन्धन की अग्नि खरडिय-खरंटित खंधलट्टि-हाथ, भुजा खरुग्णा-विषम भूमि खंपण-कलंक खलभल-खलबलाहट, क्षोभ खंपणय-वस्त्र खलभलिअ---क्षुब्ध खक्खरग-सूखी रोटी खलहल-क्षुब्ध खगउड-पक्ष-पुट खलि-संबोधन-सूचक अव्यय खट्टावण्ण-खट्टा तीमन खलिण-लगाम खट्टिक्क-कसाई खलियारिय-कर्थित खट्रिग-कसाई खली-चीनी खडक्क-पर्वत, शिलाखंड खल्लि-सिर की वह चमड़ी जिसमें खडट्टोबिल-एक म्लेच्छ-जाति बाल पैदा न हों खडफड-छटपटाहट खल्लिहडअ—खल्वाट, गंजा खडयासी-तृणभक्षक खल्ली-खाली खडरिस-कलुषित खवल-क्षोभ, खलबलाहट खडहडरव-बादलों का गरिव खसर- कर्कश खडहडिय-शिथिल किया हुआ खसिअ-१ आपूर्ण । २ खिसका हुमा खडहार-तृणभार खसु-रोग-विशेष खडिअ-दवात, स्याही का पात्र खाण—एक म्लेच्छ-जाति खड्ड--खेल खारिक्क---फल-विशेष, छुहारा खड्डिक्क-कसाई खिल-१ ऊषर भूमि । २ अकृष्ट खड्डोलय-खड्डा, गर्त भूमि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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