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________________ परिशिष्ट १ ४४६ हुआ उंबरय-कुष्ठ रोग का एक भेद । इत्यर्थे देशी उकुरुडिया-कूडा डालने का स्थान | उक्कोट्टिय–अवरोध-रहित किया उक्कअ-प्रसृत, फैला हुआ। हुआ, घेरा उठाया हुआ। उक्कंछण-काठ पर काठ के हाते | उक्कोडिय-रिश्वतखोर, घूसखोर से घर की छत बांधना, घर । उक्कोसिअ--पुरस्कृत, आगे किया का संस्कार-विशेष हुआ उक्कंडिअ-१ आरोपित । उक्खय- उद्गत २ खण्डित उक्खुत्त-काटा हुआ उक्कंद-विप्रलब्ध, ठगा हुआ उक्खडिय--उखड़ा हुआ उक्कंपिय-धवलित, सफेद किया उग्गाल-लघु स्रोत उग्गाविर-उद्गमक उक्कंवण-घर का संस्कार-विशेष, उग्गाहिअ-उत्क्षिप्त काठ पर काठ के हाते से घर उग्घक्क-प्रलपित की छत बांधना उग्घय–विस्तीर्ण उग्घवियय-पूर्ण उक्कग्ग–अनवस्थित उग्घोसिय-मार्जित उक्कज्ज-अनवस्थित, चञ्चल उघण–पूर्ण, भरपूर उक्कट्टी-कूपतुला उच्चंड-पराक्रम से रचित चरित उक्कनाह-उत्तम अश्व की एक उच्चंडिग-१ निःसीम । २ प्रचुर जाति उच्चंडिय-ऊंचा चढ़ाया हुआ उक्करड--१ अशुचि-राशि।। उच्चंत--गाढ २ जहां मैला इकट्ठा किया जाता उच्चत्ता-थोक में बेचना है वह स्थान उच्चदिअ-मुषित, चुराया हुआ उक्करिअ-१ विस्तीर्ण । उच्चल्ल-१ दृष्ट । २ अध्यासित। २ आरोपित । ३ खंडित ३ विदारित उक्कास--१ उत्क्रुष्ट । २ उत्कृष्ट उच्चाइय-उत्थापित, उठाया हुआ उक्कासार-भीरु उच्चाडन-१ उपवन । २ शीत उक्किअ-प्रसृत, फैला हुआ उच्चुग--अनवस्थित उक्कुइय-ऊंचा उठाया हुआ उच्चुरण-उच्छिष्ट, जूठा उक्कुड-ठगा हुआ, विप्रलब्ध उच्चोड-शोषण उक्कुरड-कूड़े-कचरे का स्थान- उच्चोली-कटि-वस्त्र उत्करसमूहस्थाने देशी उच्छड्डिअ-चुराया हुआ, मुषित उक्कोइय-उत्पादित-उत्पादित | उच्छलय-गृह, घर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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