SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 466
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३६७ देशी शब्दकोश घोरच्छ-तरुण, युवा (दे ७।८०)। वोरल्ली-१ श्रावण शुक्ला चतुर्दशी को होने वाला उत्सव-विशेष (दे ७८१) । २ श्रावण शुक्ला चतुर्दशी (व) । वोरुट्टी-रूई से भरा हुआ वस्त्र-विशेष (प्रसा ६८०)। वोल-१ कोलाहल (दे ६।६० वृ) । २ एक प्रकार का पौधा । वोलिय-१ गत, गया हुआ (उसुटी प १४२) । २ अतिक्रांत, उल्लंधित (से ४।४८)। ३ अपगत (से १।३)। बोलीण-१ अतीत, व्यतीत-'वोलीणा चक्कवट्टिणो बारसवि, विणस्सिहिसि तुम' (दहाटी प ५१) । २ अतिक्रांत (प्रा ४।२५८) । ३ व्यतिक्रांत (पा १४१) । वोल्लाह-उत्तम जाति का अश्व (कु पृ २३)। पोवाल-वृषभ, बैल (दे ७७६) । वोव्वड-मूक, भाषा-जड (व्यभा १० टी प १०६) । वोसट्ट-१ भरकर खाली किया हुआ (दे ७८१) २ विकसित (प्रा ४।२५८)। वोस?-ऊपर तक भरा हुआ (बृभा ४०४८) । वोसेअ-उन्मुख-गत, उफना हुआ (दे ७८१)। वोहत्तिय--गृहीत-'एक्केण परिग्गहिता सव्वे वोहत्तिया होन्ति' (जीभा २०५२)। बोहार-जल-वहन, पानी ले जाना (दे ७:८१)। स-अथ (व्य ३।४)। सअअ-१ शिला । २ घूर्णित (दे ८।४६) । सअढ----लम्बा केश (दे ८।११ पा)। सइज्म-पड़ोसी (दे ८।१०)। सइज्मक-प्रातिवेश्मिक, पड़ोसी-'सइज्झका नाम सहवासिनः प्रातिवेश्मिका __इत्यर्थः' (बूटी पृ ६४०)। सइज्यि -१ पड़ोसी (निचू १ पृ ८) । २ पड़ोसीपन, प्रातिवेश्य (दे ८।१० वृ)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy