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________________ विभिन्न प्रांतीय सीमाओं के साथ देशी भाषाओं के उच्चारण के बारे में विशेष जानकारी देते हुए भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र में लिखा है गंगा और सागर के मध्यवर्ती क्षेत्रों के निवासी एकारबहुल भाषा का प्रयोग करते हैं। जैसे- भंते, समणे, महावीरे आदि । (गंगा और सागर के मध्य मगध क्षेत्र होने से यह एकारबहुल मागधी भाषा होनी चाहिए)। विन्ध्य और सागर के मध्य जो देश हैं वहां ण के स्थान पर नकारबहुल भाषा का प्रयोग होता है । जैसे--नकर, मइकनो आदि । (यह पैशाची प्राकृत होनी चाहिए)। सौराष्ट्र, अवन्ती और वेत्रवती नदी के उत्तरी भाग में चकारबहुल भाषा का प्रयोग होता है। (यह प्राच्या या पैशाची प्रभावित प्राकृत भाषा होनी चाहिए)। हिमवान्, सिन्धु और सौवीर में रहने वाले लोग उकारबहुल भाषा बोलते हैं । जैसे - अप्पणु, वक्कलु, फलु आदि (अपभ्रंश प्राकृत उकारबहुल है)। चर्मण्वती नदी के तट पर तथा अर्बुद पर्वतवर्ती क्षेत्रों में ओकार प्रधान भाषा का प्रयोग होता है । जैसे---- सुज्जो, सीसो आदि । (यह शौरसेनी प्राकृत होनी चाहिए)। __ संस्कृत साहित्य-भाषा होने से उसमें देशी शब्दों का समावेश कम हुआ किन्तु प्राकृत जनभाषा होने के कारण उसमें देशी शब्दों का समावेश अधिक हुआ। निशीथ में भी यह उल्लेख मिलता है कि अर्धमागधी प्राकृत भाषा अठारह देशी भाषाओं से युक्त है। __ कुवलयमाला के रचनाकार लिखते हैं कि देशी भाषा को जानने वाला व्यक्ति ही इस ग्रन्थ को पढ़े। इसी प्रकार तरंगवई कहा, लीलावई कहा, पउमचरिउ' १. नाट्यशास्त्र, १७१५६-६३ । २. निशीथभाष्य, ३६१८, चूणि पृष्ठ २५३ : 'अट्ठारसदेसीभासाणियतं अद्धमागहं'। ३. कुवलयमाला, पृष्ठ २८१: जो जाणइ देसीओ भासाओ लक्खणाई धाऊ य । वय-णय-गाहा छेयं, कुवलयमालं पि सो पढउ ।। ४. जेकोबी, सनत्कुमार की भूमिका, पृष्ठ १७८ : पालित्तएण रइया वित्थरओ तस्स देसीवयणेहिं । ५. लीलावई कहा, गाहा ४१ : एमेव युद्ध जुयई मणोहरं पाययाए भासाए । परिवलदेसी सुलक्खं कहसु कहं दिव्व माणुसियं॥ ६. पउमचरिउ, १॥२॥३,४ : सक्कयपाययपुलिणालंकिय देसी भासा उभय तडुज्जला। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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