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________________ २६० : परिशिष्ट संपिडित-सकल संपिडित संपिहणा संपी संपीति संपीति संपीलित संपुण्णदोहला संपूर्ण संपेहेति संप्रधारितवद् -संप्रेक्षते संबंधि संबद्ध संबृद्ध संविग्न (रहस्स) संवच्छरिय (णिसियणा) संवर (संधि) संवर (समागम) संवर (मित्ति) संवर (रहस्स) संवरबहुल (पृ १४४) संवरबहुल (सर्व) संवरित (पृ ११४) संवरेज्जा (पहारेत्थ) संविचरित (संपेहेति) संविचिण्ण (मित्त) संवित्ति (प्रथित) संविद् (पृ १४४) संवुड (आययण) संवुडबहुल (विसय) संवेदण (आययण) संवेल्लित (संजायते) संशय (परिग्गह) संशयज्ञान (घट्ट) संशिलष्ट (पृ १४४) संसग्गि (संपुण्णदोहला) संभव संभव संभवट्ठाण संभवति संभार (चाउम्मासित) (अणुण्णा) (पृ १४५) (अहिंसा) (आचार) (पव्वइय) (संजमबहुल) (पृ १४५) (पव्वइज्जा) (पृ १४५) (संविचिण्ण) (पृ १४५) (ज्ञान). (पृ १४५) (संजय) (संजमबहुल) (णाण) (रहस्स) (पृ १४५) (विचिकित्सा) (प्रतिबद्ध) (अबंभ) (संधान) (सिद्धउपपत्ति) (उव्वत्तेइ) (केवल) (पृ १४५) (पृ १४५) (पृ १४५) (रहस्स) (पृ १४५) (केवल) संमट्ठ संमय संसार संमाणियदोहला संयत संयत संयम (मुनि) (पृ १४४) (धूत) (सर्वर्जु) संयम (ही) संयम संरंभ संरक्खणा संराग संलुक्कई संसारविप्पमोक्ख संसारेइ संसुद्ध संस्कृत संस्तव संहर्ष संहित सकर्मवीरिय सकल (पृ १४४) (परिग्गह) (संगाम) (आलुक्कई) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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