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________________ संजमणा संपिडण संजमणा संजमत वड्डय संजमति संजम बहुल संजमबहुल संजभरत संजमेज्जा संजय संजय संजलण संजण संजातदेह संजाय संजायते संजायभय संजूह संज्ञापयितुम् संठाण संठाण संठिति संठिति संढ संत संत संत संत संत संतप्पमाण संतापित संतास संति संति Jain Education International (दुगंधणा) ( पृ १४२ ) ( धारयंति) ( पव्वइय ) ( पृ १४२ ) ( भिक्खु) ( पव्वज्जा ) ( समण ) ( प १४२ ) ( कोह) ( मोह णिज्जकम्म) ( परिवूढ ) ( परिबुड्डू) ( पृ १४२ ) ( तत्थ ) ( जूह ) (आख्यातुम् ) ( आगार ) ( पृ १४३) ( पतिट्ठा) ( अवस्था ) (णपुंसक) ( पृ १४३ ) ( पृ १४३ ) ( पृ १४३ ) ( पृ १४३ ) (सीईभूय ) ( रुद्धापित) ( रुद्धापित) ( आयास) ( पृ १४३ ) ( उवसम) संति संति संथव संथव संथ संथुणण संत संदमाणिका संदाण संदीपण संदेह संदेह संघयेत् संधान संधसेज्ज संधारणा संधावति संधि संधि संधुत संपओगबहुल संपsar संपण्ण परिशिष्ट १ संपण्णदोहला संपत्तमणोरध संपधूमिय संपराग संपराय संपहारणा पापा संपायण संपिडण For Private & Personal Use Only २५ε ( सामायिक ) (समण) ( संथूणण ) ( परिगह ) ( आइण्ण ) : ( पृ १४३ ) (वंदित) (थिल्ली) ( पृ १४३ ) ( जग्गंतक) ( संशय) (विति गच्छा ) ( पृ १४४) ( पृ १४४) ( अभिहणेज्ज) (धारणवबहार) ( पधावति ) ( संधान) ( पृ १४४ ) ( विचल ) (उक्कं चण) (कंची) ( पृ १४४) (संपुष्ण दोहला) ( कयत्थ) (घट्ट) (जुद्ध) (कम्म) (धारणववहार) ( परिग्गह) ( उप्पायण ) (पिंड) www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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