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________________ पहिट्ट २२६ : परिशिष्ट १ पविद्धंसति (पमिलायति) पसव पवियक्खण (संपण्ण) पसारित पवियक्खण (संबुद्ध) पसिद्ध पविसित (पम्हट्ठ) पसुत्त पवीलए (आवीलए) पसूइ पवेइय (६६) पहट्ठ पवेदेमि (आइक्खामि) पहर पव्व (संताण) पहाण पव्व (अंग) पहाण पव्वइज्जा (पृ९६) पहारेत्थ पव्वइय (पृ ६६) पहिज्जते पव्वइय (णिक्खंत) पव्वइय (समण) पहीण पव्वत (ग) पहेण पव्वतक (पासाण) पहेण पवर्तिद (मंदर) पहेणग पव्वयराय (मंदर) पाअसूचिका पव्वयिय (भिक्ख) पाकसासण पवहिज्जमाणी (हीलिज्जमाणी) पागइत पव्वति (तज्जेंति) पागडिय पव्वाविय (६६) पागार पसंग (अबंभ) पाघट्टि का पसंत (णिहय) पाटयति पसंत (संत) पाठीण पसंतडमर (खेम) पाडल पसंतडिंब (खेम) पाढ पसंसण (कित्तण) पाण पसंसा (उववह) पाण पसण्णबुद्धि (सुबुद्धिक) पाण पसत्थ (वणित) पाण पसत्थ (सामायिक) पाण पविक्षसति-पाण (पुप्फ) (णिस्सारित) (पण्णविय) (वेवित) (उग्गम) (मुदित) (६६) (अग्ग) . (परम) (पृ.६९) (अतिवत्त) (हसित) (अतिवत्त) (१००) (पाहुड) (पाहुड) (पामुद्दिका) (सक्क) (पज्जोसवणा) (उभिण्ण) (पृ १००) (पामुद्दिका) (ओसारेति) (पृ १००) (पदुम) (सुत्त) (पृ १००) (जीव) (असण) (जीवस्थिकाय) (१००) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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