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________________ परिहरण–पवित्र परिहरण परिहरणा परिहरणीय परिहायंत परिहायति परिहार परिहार परिहीण परिहेरक परिहेरग परीक्ष्यमाण परूपित परूवण परूवण परूवण परूवित परूविय परूविय परूवेइ परूवेस्सामि पर्यय पर्यव पर्यव पर्याप्त पर्याय परिशिष्ट १ : २२५ (समण) पर्यालोच्यते (विचीयते) (पडिकमण) पर्याहार (परिरय) (गरहित) पलल (तिलोवलद्धीय) (अधण) पलात (ण ) (उज्झीयति) पलायण (निग्गमण) (पृ९८) पलिउंचग (बंक) (६८) पलिउंचण (पृ९८) (णिम्मंसक) पलिउंचण (माया) (गंडूपयक) पलिकुंचण (मोहणिज्जकम्म) (केज्जूर) पलिच्छेद (भाग) (परिगण्यमान) पलिमंथ (पृ ६६) (पण्णत्त) पलिमन्थ (विक्षेप) ..(पृ९८) पलियंचण (गृहण) (उपदेस) पलिहत (वगडा) (पण्णवण) पलुक्कइ (आलुक्कइ) (पृ६८) पलोट्टण (लुटण) (आघविय) पलोयण (आभोग) (पण्णविय) पलोलित (हात) (आइक्खइ) पलोलित (पम्हुट्ठ) (कित्तइस्सामि) पलोठित (हात) (पर्याय) पल्लीण (अनुपविट्ठ) (पर्याय) पवण (अग्गि) (६८) (वयत्थ) (अलम्) पवयण (पृ ६६) (पृ६८) पवयण (सुत्त) (भवन) पविट्ठ (पृ६६) - (देश) (अतिगत) (पृ९८) पवित्ता (अहिंसा) (मनन) पवित्थर (परिगह) (संपेहेति) पवित्र (चोक्ष) (संचालयंति) पवित्र (पुण्य) पवत्त पर्याय पविट्ठ पर्याय पर्याय पर्यालोचन पर्यालोचयति पर्यालोचयन्ति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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