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________________ अद्धाकाल के प्रकार -- समय... समय पद अद्धा पद सामान्य काल का वाचक है । विशिष्ट काल का वाचक है । अथवा सूर्य-चन्द्र आदि की गतिक्रिया का जो विशिष्ट परिमाण है वह अद्धासमय है २११ सूरकिरियाविसिट्ठो गोदोहाइ किरियासु निरवेक्खो । अद्धाकालो भण्णइ समयवखेत्तम्मि समयाई ॥ ( विभा २०३५) सूर्य की गतिक्रिया के आधार पर अद्धाकाल होता है । यह गतिक्रिया गोदोहिका आदि क्रियाओं से निरपेक्ष है । समयक्षेत्र ( मनुष्य क्षेत्र) में समय, आवलिका आदि का प्रवर्तन अद्धाकाल है । ८. अद्धाकाल के प्रकार - समय असंखेज्जाणं समयाणं समुदय समिति-समागमेणं सा एगा आवलिया त्ति वुच्चइ । संखेज्जाओ आवलियाओ ऊसासो, संखेज्जाओ आवलियाओ नीसासो । सिलोगा - हट्ठस्स अणवगलस्स, निरुवक्किट्ठस्स जंतुणो । वुच्चइ ॥ से लवे । एगे ऊसास - नीसासे, एस पाणु त्ति सत्त पाणूणि से थोवे, सत्त थोवाणि लवाणं सतहत्तरिए एस मुहुत्ते तिणि सहस्सा सत्त य, सयाई तेहत्तरि च ऊसासा । एस मुहुत्तो भणियो, सव्वेहिं अनंतनाणीहि ॥ वियाहिए || एएणं मुहुत्तमाणे तीसं मुहुत्ता अहोरत्तं, पण्णरस अहोरत्ता पक्खों, दो पक्खा मासो, दो मासा उऊ, तिण्णि उऊ अयणं, दो अयणाई संवच्छरे, पंच संवच्छराई जुगे, वीसं जुगाई वासस्यं, दस वाससयाई वाससहस्सं, सयं वास सहस्ताणं वाससयसहस्सं, चउरासीइं वासस्यसहस्साई से एगे पुव्वंगे, चउरासीइं पुव्वंगसयसहस्साइं से एगे पुव्वे, चउरासीइं पुव्वसयसहस्साइं एगे तुडियंगे, चउरासीइं तुडियंगसय सहस्साइं से एगे तुडिए, चउरासीइं तुडिसयसहस्साइं से एगे अडडंगे, चउरासीइं अडडंगसय सहस्सा इं से एगे अड्डे, एवं अववंगे अववे, हुहुयंगे हुहुए, उप्पलंगे उप्पले, पउमंगे पउमे, नलिणंगे नलिणे, अत्थनिउरंगे अत्थनिउरे, अयंगे अउए, नउयंगे नए, पउयंगे पउए, चूलियंगे चूलिया, सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया । एतावताव गणिए, एतावए चेव गणियस्स विसए, अतो परं rafमिए । ( अनु ४१७ ) समय के अवबोध की तालिका असंख्येय समय – आवलिका Jain Education International संख्यात आवलिका – एक उच्छ्वास- निःश्वास । आन प्राण - रोगरहित स्वस्थ व्यक्ति को एक उच्छ्वास और एक निःश्वास में जो समय लगता है, उसको 'आन प्राण' कहते हैं । सात प्राण- स्तोक सात स्तोक - लव ७७ लव (३७७३ उच्छ्वास - निःश्वास ) - मुहूर्त्त ३० मुहूर्त्त - अहोरात्र १५ अहोरात्र -- पक्ष २ पक्ष- मास २ मास ऋतु ३ ऋतु-अयन २ अयन - संवत्सर ५ संवत्सर - युग २० युग - शत वर्ष १० शतवर्ष - सहस्र वर्ष १०० सहस्रवर्ष - लाख वर्ष ८४ लाख वर्ष पूर्वांग ८४ लाखपूर्वी पूर्व ८४ लाखपूर्व त्रुटितांग ८४ लाख त्रुटितांग - त्रुटित ८४ लाख त्रुटित अटटांग ८४ लाख अटटांग—अटट ८४ लाख अटट - अयवांग ८४ लाख अयवांग- अयव ८४ लाख अयव - हूहूकांग ८४ लाख हूहूकांग - हूहूक ८४ लाख हूहूक - उत्पलांग ८४ लाख उत्पलांग- उत्पल ८४ लाख उत्पल - पद्मांग - ८४ लाख पद्मांग - पद्म ८४ लाख पद्म नलिनांग ८४ लाख नलिनांग - नलिन ८४ लाख नलिन - अर्थनिकुरांग ८४ लाख अर्थनिकुरांग - अर्थनिकुर ८४ लाख अर्थनिकुर - अयुतांग ८४ लाख अयुतांग - अयुत ८४ लाख अयुत — नयुतांग ८४ लाख नयुतांग - नयुत For Private & Personal Use Only काल www.jainelibrary.org
SR No.016048
Book TitleBhikshu Agam Visjay kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalprajna, Siddhpragna
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages804
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size18 MB
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