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________________ आशातना के प्रकार आशातना १४. सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा ३२. सेहे रातिणियस्स सेज्जासंथारगंसि चिट्टित्ता वा पडिगाहेत्ता तं पुवामेव सेहतरागस्स आलोएति पच्छा णिसीतित्ता वा तुयट्टिता वा भवति, आसातणा रातिणियस्स, आसातणा सेहस्स। सेहस्स। १५. सेहे असणं वा... पडिगाहेत्ता तं पुवामेव सेहत- ३३. सेहे रातिणियस्स उच्चासणे वा समासणे वा रागस्स पडिदंसेति, आसातणा सेहस्स । चिद्वित्ता वा निसीतित्ता वा तुयद्वित्ता वा भवति, १६. सेहे असणं वा.. पडिगाहेत्ता पव्वामेव सेहतरागं आसातणा सेहस्स। (आव २ पृ २१२-२१४) ___ उवणिमंतेति पच्छा रातिणियं, आसातणा सेहस्स । दैनिक व्यवहारों के आधार पर शैक्षकृत १७. सेहे रातिणिएण सद्धि असणं... पडिगाहेत्ता तं आशातना के तेतीस विभाग किए गए हैंरातिणियं अणापुच्छित्ता जस्स इच्छति तस्स तस्स १. छोटे साधु का बड़े साधु के आगे चलना। खलु खलु दलयति, आसातणा सेहस्स।। २. छोटे साधु का बड़े साधु की समश्रेणि में चलना। १८. सेहे रातिणिएण सद्धि असणं वा... आहारेमाणे ३. छोटे साधु का बड़े साधु से सटकर चलना। तत्थ सेहे खद्धं खद्धं " आहारेत्ता भवति, आसातणा ४. छोटे साधु का बड़े साधु के आगे खड़ा रहना। सेहस्स । ५. छोटे साधु का बड़े साधु की समश्रेणि में खड़ा १९. सेहे रातिणियस्स वाहरमाणस्स अपडिसुणेत्ता भवति, रहना। आसातणा सेहस्स। ६. छोटे साधु का बड़े साधु से सटकर खड़ा रहना। २०. सेहे रातिणियस्स वाहरमाणस्स तत्थ गते चेव पडि- ७. छोटे साधु का बड़े साधु के आगे बैठना। सुणेत्ता भवति, आसातणा सेहस्स । ८. छोटे साधु का बड़े साधु की समश्रेणि में बैठना । २१. सेहे रातिणियं किंति वत्ता भवति, आसातणा ९. छोटे साधु का बड़े साधु से सटकर बैठना । सेहस्स। १०. छोटे साधु का बड़े साधु से पहले (एक जलपात्र हो, २२. सेहे रातिणियं तुमति वत्ता भवति, आसातणा उस स्थिति में) आचमन करना- शुचि लेना। सेहस्स। ११. छोटे साधु द्वारा स्थान में आकर बड़े साधु से पहले २३. सेहे रातिणियं खलु खद्धं वदति, आसायणा सेहस्स । गमनागमन की आलोचना करना। २४. सेहे रातिणियं तज्जाएणं तज्जातं पडिहणेत्ता भवति, १२. जिस व्यक्ति से बड़े साधु को वार्तालाप करना है, आसातणा सेहस्स। उसके साथ छोटे साधु का पहले ही वार्तालाप २५. कीस अज्जो! गिलाणस्स न करेसि ? भणइ-तुम करना। कीस न करेसि ?... १३. बड़े साधु द्वारा यह पूछने पर कि कौन जागता है, २६. सेहे रातिणियस्स कहं कहेमाणस्स इति एतंति वत्ता कौन सो रहा है, छोटे साधु का जागते हुए भी भवति, आसातणा। उत्तर नहीं देना। २७ सेहे रातिणियस्स कहं कहेमाणस्स णो सुमणसे भवति, १४. गृहस्थ के घर से भिक्षा ला पहले छोटे साधु के आसातणा सेहस्स। पास आलोचना करना -कहां से, क्या, कैसे प्राप्त २८. सेहे रातिणियस्स कहं कहेमाणस्स परिसं भेत्ता हुआ? --यह बतलाना। फिर बड़े साधु के पास भवति, आसातणा सेहस्स। आलोचना करना। २९. सेहे रातिणियस्स कहं कहेमाणस्स कहं अच्छिदित्ता १५. गृहस्थ के घर से भिक्षा ला पहले छोटे साधु को भवति, आसातणा सेहस्स । दिखाना, फिर बड़े साधु को। ३०. सेहे रातिणियस्स कहं कहेमाणस्स तीसे परिसाए १६. गृहस्थ के घर से भिक्षा ला पहले छोटे साधु को अणुद्विताए दोच्चपि तच्चपि तमेव कहं कहेत्ता भवति, निमंत्रित करना, फिर बड़े साधु को। आसातणा सेहस्स। १७. गृहस्थ के घर से भिक्षा ला बड़े साधु को पूछे बिना ३१ सेहे रातिणियस्स सेज्जासंथारगं पादेन संघटेत्ता अपने प्रिय-प्रिय साधुओं को प्रचुर-प्रचुर दे देना। हत्थेणं अणणण्णवेत्ता गच्छति, आसातणा सेहस्स। १८. गृहस्थ के घर से भिक्षा ला बड़े साधु के साथ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016048
Book TitleBhikshu Agam Visjay kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalprajna, Siddhpragna
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages804
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size18 MB
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