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________________ (५००) अभिधानराजेन्द्रः। रहमुसल परूवेमि-एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं यकमाययं उसु करेत्ता वरुणं णाग णत्तुर्य गाढप्पबेसाली नाम नगरी होत्था, वामओ, तत्थ णं वेसालीए | हारी करेह । तए णं से वरुणे णागनत्तुए तेण पुरिसे णगरीए वरुणे नामं णागनत्तुए परिवसइ अड्डे •जा- गाढप्पहारीकए समाणे आसुरुत्ते . जाव मिसिमिसेमाव अपरिभृए समणावामए अभिगयजीवाजीवे जाव | णे धणुं पगमुसइ धणुं मरामुसित्ता उसुं परामुसइ उसुं पडिलाभेमाणे छ8 छटेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं | परामुसित्ता आययकमाययं उसुं करेइ प्राययकन्नाययं उअप्पाणं भावमाणे विहरति, तए णं से वरुणे णाग- सुं करेत्ता तं पुरिसं एगाहचं कूडाहच्वं जीवियाओ ननुए अनया कयाइ रायाभियोगेणं गणाभियोगेणं ब-1 बवरोवइ । तए णं से वरुणे णागणतुए तेणं पुरिसेणं लाभियोगेणं रहमुसले संगामे आणने समाणे छट्ठम- गाढप्पहारीकए समाणे अत्थामे अबले अबीरिए अपुरिसत्तिए अट्ठमभत्तं अणुवढेति अट्ठमभत्तं अणुवतॄत्ता को- कारपरकमे अधारणिजमितिकडु तुरए निगिण्हइ तुरए यपुरिसे सहावेइ सद्दावेइत्ता एवं वदासी खिप्पामेव निगिरिहत्ता रहं पराबत्तेइ रहं परावत्तित्ता रहमुसलाओ भो देवाणुप्पिया! चाउग्घंटं पासरहं जुतामेव उवट्ठा- मंगामात्रा पडिनिक्खमति पडिनिक्खमित्ता एगंतमंतं अबेह हयगयरहपवर जाव सन्नाहेत्ता मम एयमाणत्तियं | वक्रमह एगंतमंतं अवकमित्ता तरए निगिण्हड निगिणिहत्ता पच्चप्पिणह । तए णं से कोटुंबियपुरिमा जाव पडिमुणोत्ता रहं ठवेइ ठवेइत्ता रहाओ पच्चोरुहइ रहाओ पच्चोरुहइत्ता खिप्पामेव सच्छत्तं सज्झयं जाव उवट्ठावेंति हयगयरह रहाओ तुगए मोएइ तुरए मोएत्ता तुरए विसजेइ विसजित्ता, जाव यमाहेति सन्नातिना जेणेव वरुणे नागनचए | दम्भसंथारगं संथरइ दम्भमंथारगं संथरहत्ता ( पुरच्छाभिजाव पञ्चप्पिणति । तए णं से वरुणे णागनत्तुए जेणेव मज मुहे दुरूहइ दन्भसंथारगं संथरइ संथरइत्ता) पुरच्छाभिगधरे तेणेव उवागच्छति जहा कूणिओ जाव पाय- मुहे संपलियंकनिसने करयल जाव कट्ट एवं वयासीच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए सन्नद्धबद्धे सकोरेंटमवदामेणं नमोऽत्थु णं अरिहंताणं जाव संपत्ताणं नमोऽत्थुर्ण समजाव धरिजमाणेणं अणेगगणनायग०जाव दूरसंधिपाल- णस्स भगवो महावीरस्स आइगरस्स जाव संपाविउकासद्धिं संपरिखुडे मजणघराओ पडिनिक्खमति पडिनिक्खमि मस्स मम धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगस्स बंदामि ताजेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउग्घंटे पासरहे णं भगवन्तं तत्थगयं इहगए पासउ मे से भगवं तेणेव उवागच्छद उवागच्छइत्ता चाउग्घंटं भासरहं दुरूहइ | तत्थगए जाव बंदति नमसति वंदित्ता नमंसित्ता एवं दुरूहइत्ता हयगयरह जाव संपरिबुडे महया भडचडगर• वयासी-पुबि पि मए समणस्स भगवो महावीरजाव परिक्खित्ते जेणेव रहमुसले संगामे तेणेव उवागच्छद स्स अंतिए थूलए पाणातिवाए पञ्चक्खाए जावजीवाए उवागच्छइत्ता रहमुसलं संगाम ओयाभो । तए णं से वरु- एवं जाव थूलए परिग्गहे पञ्चक्खाए जावजीवाए, णे णागणतुए रहमुसलं संगामं ओयाए समाणे अयमेया- इयाणि पिणं अरिहंतस्स भगवो महावीरस्स अंतियं रूवं अभिग्गहं अभिगिएहइ-कप्पति मे रहमुसलं संगाम सं- सव्वं पाणातिवायं पच्चक्खामि जावजीवाए एवं जहा गामेमाणस्स जे पुचि पहणइ से पडिहणित्तए अवसेसे नोक- खंदो जाव एवं पिणं चरमेहिं ऊसासनीसासेहिं वोसिप्पतीति, अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगेण्हइ अभिगेण्हहत्ता रिस्सामि त्ति कडु सन्नाहपढें मुयइ समाहपट्ट मुइत्तासल्लुद्धरहमुसलं संगाम संगामेति । तएणं तस्स वरुणस्स नागनत्तु-रणं करेति सल्लुदूरणं करेत्ता आलोइयपडिकते समाहिपयस्स रहमुसलं संगाम संगामेमाणस्स एगे पुरिसे सरिसए । ते आणुपुब्बीए कालगए । तए णं तस्स वरुणस्स णागनसरिसत्तए सरिसव्वए सरिसभंडमत्तोवगरणे रहेणं पडि- तुयस्स एगे पियवालवयंसए रहमुसलं संगाम संगामेमाणे रहं हबमागए, तए णं से पुरिसे वरुणं णागणत्तुयं एवं एगे णं पुरिसे णं गाढप्पहारीकए समाणे अत्थामे अबले वयासी-पहण वरुणा! णागणत्तुया ! प० २, तए णं | .जाव अधाराणिअमिति कट्ट वरुणं णागनत्तुयं रहसे वरुणे णागणत्तुए तं पुरिसं एवं वदासी-नो खलु मे मुसलामो संगामाओ पडिनिक्खममाणं पासइ पासइत्ता कप्पइ देवाणुप्यिया! पुचि अहयस्स पहणित्तए, तुमं चेव तुरए निगेएहइ तुरए निगेणिहत्ता जहा वरुणे०जाव तुरए वि णं पुव्वं पहणाहि । तए णं से पुरिसे वरुणे णागणतुएणं | सञ्जति पडिसंथारगं दुरूहइ पडिसंथाइगं दुरूहित्वा पुरत्थाएवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिगिसेमाणे धM परामु भिमुहे .जाव अंजलिं कहु एवं वयासी-जइ णं सइ परामुसइत्ता उसुं परामुसइ उसुं परामुसित्ता ठाणं ठा- भंते ! मम पियबालवयस्सस्स वरुणस्स नागनत्तुयस्स ति ठाणं ठिच्चा पाययकमायचं उसु करेइ आय- सीलाई बयाई गुणाई चेरमलाई पञ्चक्खाणपोसहो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.
SR No.016046
Book TitleAbhidhan Rajendra kosha Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajendrasuri
PublisherAbhidhan Rajendra Kosh Prakashan Sanstha
Publication Year1986
Total Pages1488
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, & agam_dictionary
File Size53 MB
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