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________________ जैन आगम : वनस्पति कोश 0) अतसी 15 15 Linum usitatissimum , tirn उत्पत्ति स्थान-यह भारतवर्ष के प्राय: सब प्रान्तों में एवं हिमालय के निचले भागों में ४००० फीट की ऊंचाई तक उत्पन्न होता है। विवरण-इसका क्षुप सदा हरित, झाड़ीदार, दुर्गन्धयुक्त ३ से ८ फीट ऊंचा एवं प्रायः समूहबद्ध होकर उगता है। कांड की गांठे फूली हुई रहती हैं। पत्ते ५ से ८ इंच लम्बे, १.५ से २.५ इंच चौड़े भालाकार या अंडाकार, दोनों सिरों पर नोकीले अखंड, अत्यन्त सूक्ष्म, मृदुरोमश विशेष कर नए पत्ते १/२ से १ इंच लम्बे पर्णवृन्त से युक्त होते हैं।पुष्प श्वेत विनाल द्वयोष्ठी एवं १३ इंच लम्बे होते हैं। तथा १ से ३ इंच लम्बी मंजरियों में पाए जाते हैं, जो उपशाखाओं के अग्र पर प्रायः समूह बद्ध रहती है। पुष्पों पर टेढ़ी बैंगनी धारियां होती हैं। इसमें बड़े-बड़े कोणपुष्पक और वृन्तपत्र भी रहते हैं। फली पौन इंच लम्बी, १/३ इंच चौड़ी, मुद्गराकार, लम्बाई में धारीदार मृदुरोमश एवं ४ छोटे बीजों से युक्त होती है। इसके पत्तों से एक प्रकार का पीला रंग निकलता है। (भाव० नि० गुडूच्यादिवर्ग० पृ० ३२१) उत्पत्ति स्थान-तीसी प्रायः सब प्रान्तों के खेतों में बोई जाती अतसी अतसी (अतसी) अलसी, तिसी। प० १३७।२ विवरण-इसका पौधा १.५ से २ फीट ऊंचा होता है। अतसी के पर्यायवाची नाम - पत्ते छोटे रेखाकार या भालाकार एवं शिराओं से युक्त होते हैं। प्रतरीतमा प्रोक्ता, रुद्रपत्नी सुवल्कला। फूल नीले रंग के घंटाकार, फल गोल धुंडी सा, ऊपर को नोकीला एवं ५ कोष युक्त होता है। बीज प्रत्येक कोष में १० उमा सुनीलपुष्पा च, वसुतर्का क्षुमापि च ॥१०२॥ के करीब, चिपटे, चिकने, गहरे भूरे एवं चमकीले होते हैं। शीता तैलफला चैव, पालिका पूतिपूरकः ॥ (भाव० नि० धान्यवर्ग० पृ० ६५३) प्रतरीक़तमा, रुद्रपत्नी, सुनीलपुष्पा, वसुतर्का, क्षुमा, शीता, तैलफला, पालिका और पूतिपूरक ये अतसी के पर्यायवाची नाम हैं। (धन्व० नि० ६/१०२ पृ० २९६) अतिमुत्त अन्य भाषाओं में नाम - अतिमुत्त (अतिमुक्त) कुंद, कस्तूरी मोगरा हि०-तीसी, तिसी,अलसी, मसीना।बं०-तिसी, मसीना। जीवा० ३।२९६ म०-जवस, अळशी। गु०-अलशी। क०-अगसि। ते० विमर्श-भावप्रकाशकार अतिमुक्त को माधवी लता अविसि। ता०-अलिविराई। फा०-तुख्मे कतान, वजुरग, मानते हैं। माधवी के ८ पर्यायवाची नाम दिए गए हैं उनमें एक वजुर्ग। अ०-बजरूल कतान, वजरूल कनान, बजरूलकतां। अतिमुक्त है। (भाव० नि० पुष्पवर्ग० पृ० ४९७) अं०-Common Flax (कामन फ्लेक्स), Linseed अतिमक्त के पर्यायवाची नाम - (लिन्सीड)। ले०-Linum Usitatissimum Linn (लीनम् अतिमुक्त, अट्टहास, अट्टपुष्पक, व्रणबन्धु, दल कोष । यूसिटेटिसिमम्) Fam. Linaceae (लिनेसी)। कुंद, मकरंद, मनोदन, वसन्त, कुन्दो, कुन्दफल ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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