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________________ 14 होता है। आवर्त्तकी (स्त्री) स्वनामख्यात लतायां कोकणादि देशे आहुली, तलाडवल्ली भगतवल्ली इति च प्रसिद्धायाम् । आवर्तकी, आहुली, तलाडवल्ली, भगतवल्ली आदि नाम से कोंकण देश में प्रसिद्ध है । (वैद्यक शब्द सिन्धु पृ० ११९ ) आवर्त्तकी (स्त्री) वनस्पति दन्तीभेदः लता (अष्टांग संग्रह चिकित्सा २१ ) (आयुर्वेदीय शब्द कोश पृ० १६५ ) आवर्त्तकी के पर्यायवाची नाम - आवर्त्तकी तिन्दुकिनी विभाण्डी, विषाणिका रङ्गलता मनोज्ञा । सा रक्तपुष्पी महदादिजाली, सा पीतकीलापि च चर्मरङ्गा ॥ १३४ ॥ वामावर्त्ता च संयुक्ता भूसंख्या शशिसंयुक्ता । आवर्त्तकी, तिन्दुकिनी, विभाण्डी, विषाणिका, रङ्गलता, मनोज्ञा, रक्तपुष्पी, महदादिजाली, पीतकीला, चर्मरङ्गा तथा वामावर्ता ये सब आवर्त्तकी के ग्यारह नाम हैं। (राज० नि० ३।१३४, १३५ पृ० ५८ ) विवरण-दंती बड़ी-गुडूच्यादि वर्ग एवं एरण्डकुल के झाड़ीनुमा क्षुप अण्डी (मुगलाई एरण्ड) के क्षुप जैसा ही होता है। पत्र लाल रंग के, पुष्प हरिताभ पीतवर्ण के, फली १ से ३ से. मी. लम्बी, गोल, चिकनी तथा बीज काले चमकीले होते हैं। मूलगुच्छ बद्ध अनेक होते हैं। इसके क्षुप भारत के दक्षिण प्रान्तों में तथा बंगाल में भी पाए जाते हैं। हमारे विशेष अनुसंधान से हमें ज्ञात हुआ है कि बड़ी दंती (द्रवन्ती) यह जमाल गोटे (जयपाल) की ही एक जाति विशेष है, भद्रदंती इसी का एक भेद है। भद्रदंती विवरण - यह बड़ी दंती का ही एक छोटा भेद है। इसके सुन्दर छोटे-छोटे शोभायमान क्षुप होते हैं, जो प्रातः बागबगीचों में शोभा के लिए लगाए जाते हैं। पत्र आदि उक्त दंती के जैसे ही, बीज दन्तीबीज की अपेक्षा बहुत छोटे होते हैं। इसे संस्कृत, हिन्दी, मराठी और बंगभाषा में भद्रदन्ती, अंग्रेजी में Coral tree (कोरल ट्री) तथा लेटिन में Jatropha Multifiba (जेट्रोफा मल्टिफिबा) कहते हैं। ( धन्व० वनौ० विशे० भाग ३ पृ० ४२४) Jain Education International अट्टरूसग अट्टरूसग (अटरूषक) अडूसा । अटरूषक के पर्यायवाची नाम - जैन आगम : वनस्पति कांश क्षुप वासको वासिका वासा, भिषमाता च सिंहिका । सिंहास्यो वाजिदन्ता, स्यादाटरूषोऽटरूषकः ॥८८॥ अटरूषो वृषस्ताम्र:, सिंहपर्णश्च स स्मृतः ॥ वासक, वासिका, वासा, भिषङ्माता, सिंहिका, सिंहास्य, वाजिदन्ता, आटरूष, अटरूपक, अटरूष, वृष, ताम्र और सिंहपर्ण - ये अडूसा के पर्यायवाची नाम हैं। (भाव० नि० गुडूच्यादिवर्ग० पृ० ३२० ) अन्य भाषाओं में नाम - हि० - अडूसा, अडूस, अरूस, वाकस, बिसोटा, रूसा, अरुशा । बं० - बासक, बाकस । म० अडुलसा । मा०० - अड्डुसो । गु० - अरडुसो । क०० - आडुसांगे । ते०-आडासारं, अडसरमु । मल०-वलिय आटलोटकम् । ता० अटतोटै। पं० - भेकर। फा० - वॉस:, ख्वाजा । अ० हशीशतुस्सुआल । अं० - Malabar nut (मलाबार नट) । ले० Adhatoda Vasica Necs (अधाटोडा वासिका नीज ) | Fam. Acanthaccac (एकॅन्थेसी) । For Private & Personal Use Only फूल प० १।३७१४ शाख पता www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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