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________________ जैन आगम वनस्पति कोश वसंत ऋतु में आते है । फल की गुठली को फोड़ कर जो गिरी निकाली जाती है उसे चिरौंजी कहते हैं। (धन्वन्तरि वनौषधि विशेषांक भाग ३ पु०१०२, १०३) पिलुक्खरुक्ख पिलुक्खरुक्ख (प्लक्षवृक्ष) पाखर, पाकर प्लक्ष के पर्यायवाची नाम प्लक्षः कपीतनः शृङ्गी, सुपार्श्वश्चारुदर्शनः ।। प्लवको गर्दभाण्डश्च, कमण्डलुर्वटप्लवः ।।७४।। प्लक्ष, कपीतन, शृङ्गी, सुपार्श्व, चारुदर्शन, प्लवक गर्दभाण्ड, कमंडलु और वटप्लव ये प्लक्ष के पर्यायवाची (धन्व०नि०५ / ७४ पृ०२४१) 1 पत्र BRO FICUS LA CUR BUCH HAM. फल Jain Education International भ०२२ / ३ प०१/३६/२ nar अन्य भाषाओं में नाम हि० - पाकर, पाखर, पिलखन, पकरिया, पकरी । बं० - पाकी, पाकुर । म० - पाइट, पिंपरीवृक्ष । गु० - पीप, पीपर | क० - वसारी । ते० - जुव्वि । ता० - कुरुगुं । ले०Ficus Infectoria Roxb (फाइकस् इन्फेक्टोरिया)। है। उत्पत्ति स्थान- यह प्रायः सब प्रान्तों में पाया जाता I विवरण- पाकर के वृक्ष वड, पीपर के समान, जंगल और ग्रामों में बड़े-बड़े होते हैं। पत्ते ४ से ५ इंच लम्बे, आम के पत्तों के समान पर इनसे चौड़े होते हैं इनकी शाखायें सघन और छाया उत्तम होती है। फल पत्तों के डंडियों पर छोटे-छोटे पीए के फल के समान लगते हैं। ये पकने पर सफेद या कुछ लाल एवं बिन्दुकित होते हैं। (भाव० नि० वटादिवर्ग पृ०५१८) 189 .... पीयकणवीर पीयकणवीर (पीतकणवीर) पीले फूलवाली कनेर । जीवा ०३ / २८१ प०१७ / १२७ 373. Thevetia neriifolia Juss ( ককেফুল ) For Private & Personal Use Only पीतकणवीर के पर्यायवाची नाम अन्या पाद्या पाटलिका, पीतपुष्पाल्पपुष्पिका ।। पाद्या, पाटलिका, पीतपुष्पा, अल्पपुष्पिका येपीतपुष्प कनेर के पर्यायवाची नाम हैं । (कैयदेव नि० ओषधिवर्ग पृ०६३१) www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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