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________________ 168 जन आगम : वनस्पति कोश नागलता फा०-जोजहिन्दी, नारीयल, नारगील । अ०-नारिजल। अ०-Cocount (कोकोनट)। ले०-Cocas nucifera Linn नागलता (नागलता) पान की बेल ५० १/३६/१ (कोकस् न्यूसीफेरा) Fam. Palmea (पामी)। देखें णागलया शब्द। उत्पत्ति स्थान-यह भारत के उष्ण एवं आर्द्र प्रदेशों, विशेषकर समुद्र, नदी आदि के किनारे लगाया नालिएरि हुआ पाया जाता है। नालिएरि (नालिकेरि) नारियल विवरण-इसका वृक्ष सीधा या कुछ टेढा ८० फीट भ० २२/१ प० १/४३/२ या अधिक ऊंचा, आधार की तरफ कुछ मोटा, जहां से नालिकेरि के पर्यायवाची नाम मूल निकलते हैं एवं क्वचित् शाखायुक्त होता है। पत्ते ६ नालिकेरे रसफलः, सुखङ्गः कूर्चकेसरः । से १८ फीट लंबे पक्षवत संयुक्त, पत्रक २ से ३ फीट लंबे लतावृक्षो दृढफलो, लाङ्गली दाक्षिणात्यकः ।। क्रमशः नोकदार एवं कम चौड़े होते हैं। पुष्प प्रत्येक पत्र नालिकेर, रसफल, सुतुङ्ग, कूर्चकेसर, लतावृक्ष, के कोण से ४ से ६ फीट लंबा नारंग या तृणवर्ग का दृढफल, लाङ्गली, दाक्षिणात्यक ये सब नालिकेर के । कोशावृत पृष्पव्यूह निकलता है, जिसमें स्त्रीपुष्प नीचे की पर्यायवाची नाम हैं। (सोढल नि० ! श्लोक ५८५) तरफ संख्या में कम, १ इंच लंबे तथा गोल होते हैं और पुंपुष्प अधिक छोटे, मधुर गंध वाले एवं अग्रभाग पर होते हैं। फल अंडाकार त्रिकोण युक्त, ६ से ११ इंच लंबा तथा एक बीज युक्त होता है। फलभिति का बाह्यस्तर मोटा तथा रेशेदार होता है। जो कठोर अन्तस्तर को घेरे रहता है। अन्तस्तर के अन्दर बीज रहता है। अन्तस्तर के एक सिरे पर ३ छिद्र रहते हैं, जिनमें से किसी एक से बीजोभेद के समय अंकुर निकलता है। गिरि के अंदर • अपक्व अवस्था में बहुत पानी रहता हैं किन्तु पक्वावस्था में यह कम हो जाता है। नारियल के अनेक प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ के पेड़ छोटे तथा कुछेक ऊंचे होते हैं। फलों के रंग, आकार तथा संख्या के अनुसार भी अनेक प्रकार पाये जाते हैं। (भाव०नि० आम्रादि फलवर्ग० ५५६) AS फल AM PMOTION ABOR ira - V पत्र निंब निंब (निम्ब) नीम जीवा० १/७१ उत्त० ३४/१० निम्बः स्याद् पिचुमर्दश्च, पिचुमन्दश्च तिक्तकः । अरिष्टः पारिभद्रश्च, हिङ्गुनिर्यास इत्यपि।।६३ ।। निम्ब, पिचुमर्द, पिचुमन्द, तिक्तक, अरिष्ट, पारिभद्र और हिंगुनिर्यास ये सब संस्कृत नाम नीम का है। (भाव०नि० गुडूच्यादिवर्ग० पृ० ३२८) अन्य भाषाओं में नाम हि०-नारियल, नरियल, गरी, गिरी। बं०- नारिकले, डाब | म०-नारली (फल) नारळ (वृक्ष) माड़। गु०-नारियल। ते०-टकाईं। ता०-तेंगाई, टेन्ना। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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