SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 80
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( 78 ) पूर्व-पश्चिम महाविवेह की स्त्री में-छओं लेश्या । अर्कमभूमिज पुः स्त्री में प्रथम चार लेश्या । अंर्तद्वीपज पुः स्त्री में प्रथम चार लेश्या । देवों में-छओं लेश्या। देवी में--प्रथम चार लेश्या। । भवनवासी देव में प्रथम चार लेश्या । भवनवासी देवी में प्रथम चार लेश्या। . व्यंतर देव में प्रथम चार लेश्या। व्यंतर देवी में--प्रथम चार लेश्या। ज्योतिषी देव में-तेजु लेश्या । ज्योतिषी देव में तेजु लेश्या । वैमानिक देव में शेष तीन लेश्या । वैमानिक देवी में-तेजु लेश्या ।। सौधर्म-ऐशान देव तथा देवी में--तेजु लेश्या । सानत्कुमार देव में—पद्म लेश्या । माहेन्द्र देव में-पद्म लेश्या । ब्रह्मलोक देव में-पद्म लेश्या । लान्तक से स्वार्थ-सिद्ध देवों में--शुक्ल लेश्या। केवली में-शुक्ल लेश्या। संयोगी केवली में-शुक्ल लेश्या । अयोगी केवली में-अलेशी-लेश्यारहित । तीर्थकर में-शुक्ल लेश्या। अयोगी तीर्थकर में--अलेशी-लेश्यारहित । पुलाक साधु में-शेष तीन लेश्या। बकुश साधु में-छओं लेश्या । प्रतिसेवना कुशील में--छओं लेश्या । नोट-बकुश व प्रतिसेवना कुशील में तीन लेश्या का भी उल्लेख है । कषाय कुशील में तीन प्रशस्त लेश्या ( तत्वार्थ भाष्य ) निग्रन्थ में शुक्ललेश्या स्नातक में शुक्ललेश्या सामायिक चारित्र में छः लेश्या छेदोपस्थापनीय चारित्र में छः लेश्या १. छः लेश्या होती है-भग० श २५ । उ ६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy