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________________ ३१४ लेश्या-कोश एवं काऊलेस्सेहि वि सयं भाणियव्वं, नवरं 'काऊलेस्से'त्ति अभिलावो भाणियव्वो । -भग० श ३३ । श २ से ४ । पृ० ६१४-१५ कृष्णलेशी एकेन्द्रिय पाँच प्रकार के होते हैं, यथा-पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक । कृष्णलेशी पृथ्वीकायिक दो प्रकार के होते हैं, यथा-सूक्ष्म तथा बादर पृथ्वीकायिक । कृष्णलेशी सूक्ष्म पृथ्वीकायिक दो प्रकार के होते हैं, यथा-पर्याप्त तथा अपर्याप्त पृथ्वीकायिक । इसी प्रकार कृष्णलेशी बादर पृथ्वीकाथिक के पर्याप्त तथा अपर्याप्त दो भेद होते हैं। इसी प्रकार कृष्णलेशी वनस्पतिकायिक तक चार-चार भेद जानने चाहिये । कृष्णलेशी अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीव के आठ कर्मप्रकृतियाँ होती है । वह सात अथवा आठ कर्मप्रकृतियाँ बांधता है। चौदह कर्मप्रकृतियाँ वेदता है। इसी प्रकार यावत् पर्याप्त बादर वनस्पतिकायिक तक कहना चाहिये । प्रत्येक के अपर्याप्त सूक्ष्म, पर्याप्त सूक्ष्म, अपर्याप्त बादर, पर्याप्त बादर, इस प्रकार चार-चार भेद कहने चाहिये। अनन्तरोपपन्न कृष्णलेशी एकेन्द्रिय पाँच प्रकार के होते हैं, यथा-पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक । तथा प्रत्येक के सूक्ष्म और बादर दो-दो भेद होते हैं। अनंतरोपपन्न कृष्णलेशी एकेन्द्रिय जीव के आठ कर्म प्रकृतियाँ होती हैं । वे आठ कर्मप्रकृतियाँ बाँधते हैं और चौदह कर्म प्रकृतियाँ वेदते हैं । परम्परौपपन्न कृष्णलेशी एकेन्द्रिय पाँच प्रकार के होते हैं-पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक । प्रत्येक के चार-चार भेद कहने चाहिये । परम्परोपपन्न कृष्णलेशी एकेन्द्रिय के सर्व भेदों में आठ प्रकृतियाँ होती हैं। वे सात अथवा आठ कर्म प्रकृतियाँ बाँधते हैं तथा चौदह कर्म प्रकृतियाँ वेदते हैं। अनंतरोपपन्न की तरह अनंतरावगाढ़, अनंतराहारक, अनंतरपर्याप्त कृष्णलेशी एकेन्द्रिय के सम्बन्ध में भी जानना चाहिये । परम्परोपपन्न की तरह परम्परावगाढ़, परम्पराहारक, परम्परपर्याप्त, चरम तथा अचरम कृष्णलेशी एकेन्द्रिय के सम्बन्ध में कहना चाहिये । जैसा कृष्णलेशी का शतक कहा वैसा ही नीललेशी एकेन्द्रिय तथा कापोतलेशी एकेन्द्रिय जीव का शतक कहना चाहिये । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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